वही उपयुक्त पद्यांश का /क कवि ने 'पशु-प्रवृत्ति' किस आचरण को माना है? (अ) दूसरों के लिए जीने को (स) स्वयं ही खाते रहने को (ब) अपने हित के ही बारे में सोचते रहने को (द) इनमें से कोई नहीं (ख) किससे न डरने के लिए कहा गया है? (ब) मृत्यु से (द) दूसरे व्यक्ति से द (अ) जीवन से कर्म करने से
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ह्ग8उग7फ6द्द4स3स3स34 वविऊच्च चुय्क्ष्य उय्द्स5स्र्क्ष्त
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क) अपने हित के ही बारे में सोचते रहने को
✔︎ प्रवृत्ति से कवि का तात्पर्य है कि वह मनुष्य पशु के समान है जो सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए सोचता है।
ख) मृत्यु से
✔︎ मृत्यु से नहीं डरना चाहिए क्योंकि मृत्यु तो निश्चित है पर हमें ऐसा कुछ करना चाहिए कि लोग हमें मृत्यु के बाद भी याद रखें |
Hey..
answer wrong ho sakta kyoki..tumne पद्यांश paste hi nhi kiya hai..
so phale paste karo..
Vaise..
Good morning..
Take Care..❤️
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