वह विमान यात्रा जिसे मै कभी नहीं भूल सकती अनुच्छेद
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नैनीताल का वातावरण:
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नैनीताल उत्तर प्रदेश की उत्तराखण्ड पर्वत माला में स्थित लगभग सात हजार फुट की ऊँचाई पर है । नैनीताल भारत का सबसे उत्तम दर्शनीय पर्वतीय स्थल है । यह स्थल अग्रेजों को बड़ा प्रिय था । वहाँ के वातावरण को देरवकर वे इसको छोटी विलायत कहते थे । सभी पर्वतीय स्थलो में नैनीताल की अपनी एक विशेषता है । यहाँ पर सात हजार फुट की ऊँचाई पर एक बहुत गहरा तालाब है ।
जिसकी लम्बाई एक किलोमीटर से अधिक व गहराई बहुत अधिक है । उसके निचले चोर को तल्लीताल व ऊपरी छोर को मल्लीताल कहते हैं । पहाड़ की चोटी पर इतना बड़ा ताल एक अद्भुत व अनुपम वस्तु है ।हमने दूसरे दिन नैनीताल मे घूमने का निश्चय किया ।
मेरे पिता जी के मित्र के भी दो सन्तान है एक लड़का व एक लड़की । वे भी हमारी आयु वर्ग के बालक हैं । उन्होने हमें नैनीताल में घुमाने का निश्चय किया ।
हम प्रात: उनके साथ घूमने के लिए निकल पड़े । मेरे मन में वहाँ घूमने की बड़ी उत्सुकता हो रही थी । हमने अपनी यात्रा तल्लीताल से शुरू की । मेरे मित्र ने कहा कि पहले तल्लीताल हनुमान गढ़ी देखेगे । हम वहाँ पहुंचे जो एक सुन्दर पहाड़ी टीले पर स्थित है ।
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हनुमान गढ़ी पर हनुमान जी का एक मन्दिर है जहाँ से चारों ओर के दृश्य अत्यन्त मनोरम व चित्ताकर्षक दिखाई दे रहे थे । वहाँ से लौटने पर हम मल्लीताल जाना चाहते थे । उसके लिए पैदल, रिका ल गाव द्वारा जाया जा सकता है ।
मेरी इच्छा नाव द्वारा मल्लीताल जान को थी इसलिए हमने वहाँ से दो नावे ली और उन पर सवार होकर तालाब में नाव द्वारा मल्लीताल को चल पड़े । नाव मे बैठना मेरे लिये जीवन का प्रथम अवसर था । नाव द्वारा विहार करने में मुझे बड़ा आनन्द आ रहा था । मल्लीताल पहुँच कर हमने वहाँ के कई दर्शनीय स्थल देखे ।
उपसंहार:
पर्वत प्रकृति का भूगार है । यह हमारा सौभाग्य है कि हमारे देश में अनेक पर्वतमालाएँ हैं । विश्व का सबसे ऊँचा पर्वत हिमालय यहाँ पर स्थित है । सौभाग्य से मुझे वह अवसर प्राप्त हुआ जब हमने हिमालय को दूर से देखा । हमे ऐसे पवित्र रमणीय स्थलो की यात्रा कर आनन्द लेना चाहिए ।