वहाँ वह सूर्य है जो चमकता है । तो सूर्य आखिर है क्या ? वेदों में इसे एक पहिएवाले सुनहरे रथ पर सवार देवता कहा गया है , जिसे सात शक्तिशाली घोड़े पलक झपकते ही 364 लीग की रफ़्तार से दौड़ा कर ले जाते हैं । वह अपने रथ पर सवार होकर आसमान में घूमता रहता है और संसार की हर गतिविधि पर नज़र रखता है । किसने इसे बनाया , जिस पर धरती पर मौजूद जीवन पूरी तरह से निर्भर है ? क्या यह मरता हुआ विशाल तारा है या कोई वैज्ञानिक चमत्कार या वाकई सूर्य देवता हैं जो वेदों की साकार आत्मा हैं और जो त्रिदेव का प्रतिनिधित्व करता है - दिन में ब्रह्मा , दोपहर में शिव और शाम में विष्णु भारतीय पौराणिक गाथाओं के अनुसार , सूर्य के माता - पिता थे - अदिति और कश्यप । अदिति के आठ बच्चे थे । आठवाँ बच्चा अंडे की शक्ल का था । इसलिए उसका नाम रखा मार्तंड यानी मृत अंडे का पुत्र और उसका परित्याग कर दिया । वह आसमान में चला गया और खुद को वहाँ महिमामंडित कर लिया । दूसरा किस्सा यह है कि , अदिति ने एक बार अपने पहले सात पुत्रों से कहा कि वे ब्रह्मांड का सृजन करें । किंतु वे इसमें असमर्थ रहे । क्योंकि वे सिर्फ जन्म को जानते थे , मृत्यु को नहीं । जीवन चक्र स्थापित करने के लिए अमरत्व की ज़रूरत नहीं थी , सो अदिति ने मार्तंड से कहा । उन्होंने फ़ौरन दिन और रात का सृजन कर दिया , जो जीवन और मृत्यु के प्रतीक थे ।
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•प्रश्न क ) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए ।
•प्रश्न ख ) मार्तंड द्वारा दिन और रात के सृजन का क्या उद्देश्य था ?
•प्रश्न ग ) वेदों में सूर्य का वर्णन किस तरह किया गया है ?
•प्रश्नः घ ) सूर्य के संबंध में प्रचलित किस्से के आधार पर सूर्य के महिमामंडन का कारण क्या
Answers
(ख)मार्तंड द्वारा दिन और रात के सृजन का उद्देश्य था—जीवन और मृत्यु का सृजन कर जीवन चक्र स्थापित करना।
(ग)वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा कहा गया है। समस्त चराचर जगत की आत्मा सूर्य ही है। सूर्य से ही इस पृथ्वी पर जीवन है। वैदिक काल से ही भारत में सूर्योपासना का प्रचलन रहा है।
(घ)सूर्य के महिमामंडन का कारण यह है कि अदिति के कहने पर सूर्य के सातों पुत्र ब्रहमांड का सृजन करने में असफल रहे, पर सूर्य ने दिन-रात का सृजन कर जीवन चक्र स्थापित कर दिया और महिमा मंडित हो गया।
(क) सूर्य ही प्रकाश एवं संसार
Answer:
उपर्युक्त गद्यांश के अनुसार उत्तर निम्न है।
Explanation:
क ): सूर्य वेदानुसार, उपर्युक्त गद्यांश के लिए सही शीर्षक होगा।
ख ): जीवन चक्र स्थापित करने के लिए अमरत्व की ज़रूरत नहीं थी , सो अदिति ने मार्तंड से कहा । उन्होंने फ़ौरन दिन और रात का सृजन कर दिया , जो जीवन और मृत्यु के प्रतीक थे ।
ग ): वेदों में सूर्य का वर्णन पहिएवाले सुनहरे रथ पर सवार देवता कहा गया है , जिसे सात शक्तिशाली घोड़े पलक झपकते ही 364 लीग की रफ़्तार से दौड़ा कर ले जाते हैं । वह अपने रथ पर सवार होकर आसमान में घूमता रहता है और संसार की हर गतिविधि पर नज़र रखता है ।
घ ): सूर्य के माता - पिता थे, अदिति और कश्यप । अदिति के आठ बच्चे थे । आठवाँ बच्चा अंडे की शक्ल का था । इसलिए उसका नाम रखा मार्तंड यानी मृत अंडे का पुत्र और उसका परित्याग कर दिया । वह आसमान में चला गया और खुद को वहाँ महिमामंडित कर लिया ।
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