वहम था कि सारा बाग अपना है, तूफान आने के बाद पता चला कि सूखे पत्तों पर भी हक सिर्फ हवाओं का था।
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वहम था कि सारा बाग अपना है, तूफान आने के बाद पता चला कि सूखे पत्तों पर भी हक सिर्फ हवाओं का था।
अर्थ स्पष्ट कीजिए।
ये पंक्तियां कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा लिखी गई है।
- इन पंक्तियों का अर्थ है कि हमें यह भ्रम रहता है कि सारा संसार अपना है लेकिन हमारा जीवन संघर्ष से भरा हुआ रहता है। जिस प्रकार लगता है कि पूरा बगीचा अपना है किन्तु जब तूफ़ान आता है तो सूखी पत्तियां भी हवा के साथ चली जाती है, हमें कुछ हाथ नहीं आता, यदि प्रकार हमारे जीवन में संघर्ष ही संघर्ष है।
- जीवन जीना आसान नहीं है। हमें इस जीवन को जीने के लिए न जाने कितनी कठिनाइयां सहनी पड़ती है।
- रामधारी सिंह दिनकर एक महान कवि निबंधकार तथा लेखक थे। उनका जन्म 23 सितम्बर 1908 के दिन हुआ था।
- उन्होंने जीवन भर अपनी प्रेरणादायक रचनाओं से लोगों का मार्गदर्शन किया ।
- स्वतंत्रता के पहले वे एक विद्रोही कवि माने जाते थे व स्वतंत्रता के बाद वे राष्ट्रकवि के रूप में प्रसिद्ध हुए।
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