Vaigyanik yug ke labh Aur Haniya
Answers
Answered by
9
विज्ञान आधुनिक युग की देन है| आज विज्ञान के कारण हमारे बहुत से काम शीघ्र और सुविधापूर्वक हो जाते हैं| पिछले जमाने में औरत घर में खुद हाथ से चक्की पर आटा पिसती थीं, कुएँ से पानी भारती थीं, पुरुष खेतों में हल जोतते थे, मिट्टी के बर्तन बनाते थे| पर अब कितना परिवर्तन हो गया है| क्या आपके घर में स्वयं चक्की चलाकर आटा पिसा जाता है ? कुएँ पर पानी भरने जाना पड़ता है ? नहीं हमारे घर में नल हैं, बिजली की चक्की पर आटा पिसा जाता है और अब तो खेतों में ट्रक्टर का उपयोग होने लगा है| गर्मी से छुटकारा पाने के लिए बिजली का पंखा, मनोरंजन के लिए रेडियो, टेलीविजन और फिल्मे हैं| यात्रा के लिए बसें, गाड़ियाँ, हवाई जहाज और पानी के जहाज हैं| आवागमन के इन साधनों से हमें बहुत दूर नहीं लगते| चाँद पर पहुँच कर तो मनुष्य ने अपनी बुद्धि की श्रेष्ठता का प्रमाण दिया है| आज अंतरिक्ष आकाश का रहस्य जानने के लिए हम प्रयत्नशील हैं|
विज्ञान से केवल मनुष्य की ही उन्नति नहीं हुई है बल्कि एक्स-रे नामक किरणों की खोज कर के तथा अनेक प्रकार से चिकित्सा-शास्त्र में परिवर्तन लाकर रोगों का निदान करने में भी क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए हैं| मलेरिया, तपोदिक और चेचक जैसे भयानक रोगों पर अब नियन्त्रण कर लिया है| कैंसर पर खोज चालू है| अन्य नये-नये रोगों पर अब नियन्त्रण कर लिया है| अन्य नये-नये रोगों को दूर करने के लिए विज्ञान बढ़ रहा है|
विज्ञान से मनुष्य को आत्मविश्वास और बल मिला है, यह बात ठीक है लेकिन दूसरी तरह विज्ञान जिन किरणों से कलंकित हो रहा है, वे हैं विध्वसंक बम, जहरीली गेस आदि जिनके कारण विश्व-शान्ति भंग हो जाती है| एटम की मारक और संहारक शक्ति बेजोड़ है| यह दोष विज्ञान का है, यह कहना गलत है, बल्कि दोष उन लोगों का है, जो इसका दुरूपयोग करते हैं| विज्ञान के प्रति हमारे ध्येय यह होना चाहिए कि हम इसका उपयोग विश्व के नाश के लिए नहीं बल्कि उसके निर्माण के लिए करें| भारत सरकार की यही घोषित नीति हैं|
विज्ञान से केवल मनुष्य की ही उन्नति नहीं हुई है बल्कि एक्स-रे नामक किरणों की खोज कर के तथा अनेक प्रकार से चिकित्सा-शास्त्र में परिवर्तन लाकर रोगों का निदान करने में भी क्रान्तिकारी परिवर्तन हुए हैं| मलेरिया, तपोदिक और चेचक जैसे भयानक रोगों पर अब नियन्त्रण कर लिया है| कैंसर पर खोज चालू है| अन्य नये-नये रोगों पर अब नियन्त्रण कर लिया है| अन्य नये-नये रोगों को दूर करने के लिए विज्ञान बढ़ रहा है|
विज्ञान से मनुष्य को आत्मविश्वास और बल मिला है, यह बात ठीक है लेकिन दूसरी तरह विज्ञान जिन किरणों से कलंकित हो रहा है, वे हैं विध्वसंक बम, जहरीली गेस आदि जिनके कारण विश्व-शान्ति भंग हो जाती है| एटम की मारक और संहारक शक्ति बेजोड़ है| यह दोष विज्ञान का है, यह कहना गलत है, बल्कि दोष उन लोगों का है, जो इसका दुरूपयोग करते हैं| विज्ञान के प्रति हमारे ध्येय यह होना चाहिए कि हम इसका उपयोग विश्व के नाश के लिए नहीं बल्कि उसके निर्माण के लिए करें| भारत सरकार की यही घोषित नीति हैं|
Similar questions
Computer Science,
8 months ago
Math,
8 months ago
Math,
8 months ago
India Languages,
1 year ago
English,
1 year ago
English,
1 year ago
English,
1 year ago
Art,
1 year ago