vaiyaktik patra lekhan
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Explanation:
पत्रों के प्रकार ::
पत्रों के प्रकार ::
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है :
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है :
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter)
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter)
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter) (1)अनौपचारिक पत्र- वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र अनौपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं।
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter) (1)अनौपचारिक पत्र- वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र अनौपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं।
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter) (1)अनौपचारिक पत्र- वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र अनौपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं। वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र- वैयक्तिक पत्र से तात्पर्य ऐसे पत्रों से हैं, जिन्हें व्यक्तिगत मामलों के सम्बन्ध में पारिवारिक सदस्यों, मित्रों एवं अन्य प्रियजनों को लिखा जाता हैं। हम कह सकते हैं कि वैयक्तिक पत्र का आधार व्यक्तिगत सम्बन्ध होता हैं। ये पत्र हृदय की वाणी का प्रतिरूप होते हैं।
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter) (1)अनौपचारिक पत्र- वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र अनौपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं। वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र- वैयक्तिक पत्र से तात्पर्य ऐसे पत्रों से हैं, जिन्हें व्यक्तिगत मामलों के सम्बन्ध में पारिवारिक सदस्यों, मित्रों एवं अन्य प्रियजनों को लिखा जाता हैं। हम कह सकते हैं कि वैयक्तिक पत्र का आधार व्यक्तिगत सम्बन्ध होता हैं। ये पत्र हृदय की वाणी का प्रतिरूप होते हैं।
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter) (1)अनौपचारिक पत्र- वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र अनौपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं। वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र- वैयक्तिक पत्र से तात्पर्य ऐसे पत्रों से हैं, जिन्हें व्यक्तिगत मामलों के सम्बन्ध में पारिवारिक सदस्यों, मित्रों एवं अन्य प्रियजनों को लिखा जाता हैं। हम कह सकते हैं कि वैयक्तिक पत्र का आधार व्यक्तिगत सम्बन्ध होता हैं। ये पत्र हृदय की वाणी का प्रतिरूप होते हैं। अनौपचारिक पत्र अपने मित्रों, सगे-सम्बन्धियों एवं परिचितों को लिखे जाते है। इसके अतिरिक्त सुख-दुःख, शोक, विदाई तथा निमन्त्रण आदि के लिए पत्र लिखे जाते हैं, इसलिए इन पत्रों में मन की भावनाओं को प्रमुखता दी जाती है, औपचारिकता को नहीं। इसके अंतर्गत पारिवारिक या निजी-पत्र आते हैं।
पत्रों के प्रकार :: मुख्य रूप से पत्रों को निम्नलिखित दो वर्गों में विभाजित किया जा सकता है : (1) अनौपचारिक-पत्र (Informal Letter)(2) औपचारिक-पत्र (Formal Letter) (1)अनौपचारिक पत्र- वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र अनौपचारिक पत्र की श्रेणी में आते हैं। वैयक्तिक अथवा व्यक्तिगत पत्र- वैयक्तिक पत्र से तात्पर्य ऐसे पत्रों से हैं, जिन्हें व्यक्तिगत मामलों के सम्बन्ध में पारिवारिक सदस्यों, मित्रों एवं अन्य प्रियजनों को लिखा जाता हैं। हम कह सकते हैं कि वैयक्तिक पत्र का आधार व्यक्तिगत सम्बन्ध होता हैं। ये पत्र हृदय की वाणी का प्रतिरूप होते हैं। अनौपचारिक पत्र अपने मित्रों, सगे-सम्बन्धियों एवं परिचितों को लिखे जाते है। इसके अतिरिक्त सुख-दुःख, शोक, विदाई तथा निमन्त्रण आदि के लिए पत्र लिखे जाते हैं, इसलिए इन पत्रों में मन की भावनाओं को प्रमुखता दी जाती है, औपचारिकता को नहीं। इसके अंतर्गत पारिवारिक या निजी-पत्र आते हैं।