वक्त निकल जाता है पर बात याद रहती है
Answers
Answered by
1
Answer:
mark me brainliest
Explanation:
गाय हम सबकी माता है हम सब को कुछ नहीं आता है
Answered by
1
Explanation:
वक़्त' एक ऐसा लफ़्ज़ जिसने अपने अंदर कई सदियों को पनाह दिया है. समंदर से भी गहरे इस लफ़्ज़ में पूरी क़ायनात सांस लेती हैं. 'वक़्त' के कई रंग होते हैं. कभी ख़ुशनुमा तो कभी ग़मग़ीन. वक़्त ने हम सब को अपने अंदर जकड़ा हुआ है. इस लफ़्ज़ पर जितना कुछ भी लिखा जाए या कहा जाए वो कम ही लगता है. अक्सर हम किसी ख़ास वक़्त को लफ़्ज़ों में बयां करने की कोशिश करते हैं मगर क़ामयाब नहीं हो पाते हैं. इसलिए हम आपके लिए लाए हैं वो शायरी जो 'वक़्त' की गहराई को बताने और समझाने में आपकी मदद करेगी.
Similar questions