Vakya prayog of prathibhagi
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"जिसमें पुरुषार्थ है, प्रतिभा है, वह आज नहीं तो कल अवश्य ही धनवान् होकर रहेगा।"
- प्रतिभा शब्द का उपयोग प्रेमचंद ने अपनी कहानी दो सखियाँ इस प्रकार किया है.
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