vakya shodan rules in Hindi
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Vaakya Ashudhhi Shodhan (वाक्य अशुद्धि शोधन) Definition, Types, Examples
Vaakya Ashudhhi Shodhan Definition, Examples, Types. वाक्य अशुद्धि शोधन की परिभाषा, वाक्य अशुद्धि शोधन के प्रकार और उदाहरण
Vaakya Ashudhhi Shodhan (वाक्य अशुद्धि शोधन) - इस लेख में हम वाक्य अशुद्धि शोधन के बारे में विस्तार से जानेंगे। वाक्य अशुद्धि शोधन किसे कहते हैं? वाक्यों में कितने प्रकार की अशुद्धियाँ होती हैं? और उन अशुद्धियों का शुद्ध रूप किस तरह होगा ये सब हम उदाहरणों की सहायता से जानेंगे -
वाक्य अशुद्धि शोधन
‘वाक्य’ भाषा की महत्त्वपूर्ण इकाई है, अत: वाक्य को बोलते व लिखते समय उसकी शुद्धता, स्पष्टता और सार्थकता का ध्यान रखना आवश्यक है। यदि वाक्य में किसी तरह की अशुद्धि होती है तो आपके बोले गए वाक्य अर्थ भी बदल सकता है। सामने वाले व्यक्ति को आसानी से और सही-सही समझ आ सके उसके लिए आवश्यक है कि व्याकरण के नियमों की दृष्टि से ‘वाक्य’ को शुद्ध हो। अत: वाक्य को व्याकरण के नियमों के अनुसार शुद्ध करना ही ‘वाक्य अशुद्धि शोधन’ कहलाता है।
वाक्यों में अनेक प्रकार की अशुद्धियाँ होती हैं जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं –
1. वर्तनी संबंधी अशुद्धि
वर्तनी संबंधी अशुद्धि शब्द से सम्बंधित अशुद्धियाँ होती हैं। जब आप वाक्य में कोई शब्द अशुद्ध लिख देते हैं तो वहाँ उस वाक्य में वर्तनी संबंधी अशुद्धि हो जाती है और आपका पूरा वाक्य अशुद्ध कहलाया जाता है।
उदाहरण -
इतिहासिक / एतिहासिक - अशुद्ध = ऐतिहासिक - शुद्ध
आशिर्वाद / आशिरवाद - अशुद्ध = आशीर्वाद - शुद्ध
उज्वल / उज्जवल - अशुद्ध = उज्ज्वल - शुद्ध
कवित्री / कवियत्री - अशुद्ध = कवयित्री - शुद्ध
2. शब्द-अर्थ प्रयोग की अशुद्धि
कभी-कभी वाक्यों में सही शब्दों की जगह उनके ही सादृश लगने वाले शब्दों का प्रयोग अर्थ में परिवर्तन का कारण बन जाता है, जिसके कारण वाक्य का सही अर्थ ही बदल जाता है और यह वाक्य में शब्द-अर्थ प्रयोग की अशुद्धि कहलाती है।
उदाहरण -
अशुद्ध रूप - मैं उपेक्षा करता हूँ कि तुम यह काम कर लोगे।
शुद्ध रूप - मैं अपेक्षा करता हूँ कि तुम यह काम कर लोगे।
अशुद्ध रूप - मैंने अपना ग्रहकार्य कर लिया है।
शुद्ध रूप - मैंने अपना गृहकार्य कर लिया है।
अशुद्ध रूप - तुम हमेशा बेफ़िजूल की बातें करते हो।
शुद्ध रूप - तुम हमेशा फ़िजूल की बातें करते हो।
3. लिंग संबंधी अशुद्धि -
कभी-कभी वाक्यों में लिंग संबंधी गलत प्रयोग किए जाते हैं। ये वाक्य की लिंग संबंधी अशुद्धि कहलाती हैं।
उदाहरण -
अशुद्ध रूप - बेटी पराए घर का धन होता है।
शुद्ध रूप - बेटी पराए घर का धन होती है।
अशुद्ध रूप - आज तुमने नया पोशाक पहना है।
शुद्ध रूप - आज तुमने नई पोशाक पहनी है।
अशुद्ध रूप - मुझे तुम्हारा बातें सुनना पड़ा।
शुद्ध रूप - मुझे तुम्हारी बातें सुननी पड़ी।
अशुद्ध रूप - कल मैंने नया पुस्तक ख़रीदा।
शुद्ध रूप - कल मैंने नई पुस्तक खरीदी।
4. वचन संबंधी अशुद्धि
कभी-कभी देखा गया है कि वाक्यों में वचन संबंधी गलत प्रयोग भी किए जाते हैं। इन्हें वाक्य की वचन संबंधी अशुद्धि कहा जाता है।
उदाहरण -
अशुद्ध रूप - भारत में अनेकों राज्य हैं।
शुद्ध रूप - भारत में अनेक राज्य हैं।
अशुद्ध रूप - प्रत्येक वृक्ष फल नहीं देते हैं।
शुद्ध रूप - प्रत्येक वृक्ष फल नहीं देता है।
अशुद्ध रूप - इस समय चार बजा है।
शुद्ध रूप - इस समय चार बजे हैं।
अशुद्ध रूप - मैं तो आपका दर्शन करने आया हूँ।
शुद्ध रूप - मैं तो आपके दर्शन करने आया हूँ।
5. पदक्रम संबंधी अशुद्धियाँ
वाक्य में व्याकरण के अनुसार पदों का क्रमबद्ध होना बहुत अधिक आवश्यक है। पदों के उचित क्रम में न होने पर उसके भाव या अर्थ में स्पष्टता नहीं रहती और इसे वाक्य की पदक्रम संबंधी अशुद्धियाँ कहा जाता है।
उदाहरण -
अशुद्ध रूप - जाता वह बाज़ार है।
शुद्ध रूप - वह बाज़ार जाता है।
यद्यपि दोनों वाक्यों में सभी शब्द समान हैं किंतु पहले वाक्य में सही पदक्रम की कमी है, जबकि दूसरा वाक्य उचित पदक्रम के अनुसार है।
उदाहरण -
अशुद्ध रूप - शहीदों का देश सदा आभारी रहेगा।
शुद्ध रूप - देश शहीदों का सदा आभारी रहेगा