Hindi, asked by alambasha342, 9 months ago

van mahostav per nibhand liko

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Answered by sujal1732
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Answer : वन महोत्सव या पेड़ों का त्योहार भारत में जुलाई के पहले सप्ताह में मनाया जाने वाला त्योहार है। इस उत्सव की शुरुआत 1950 में डॉ। के.एम. मुंशी उस समय के दौरान भारत के कृषि मंत्री द्वारा की गयी थी और इस दिवस पर उत्सव के रूप में, वन महोत्सव सप्ताह में देश भर से सभी आयु वर्ग के लोगों द्वारा लाखों पौधे लगाए जाते हैं।

पूरे देश में, लोगों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह प्रथा पूरे देश के स्कूलों द्वारा देखी जाती है। स्कूल आमतौर पर इस दिन को एक आधा दिन घोषित करते हैं जहां कक्षाएं निलंबित कर दी जाती हैं और छात्रों को पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। यह छात्रों को बेहतर नागरिक बनाने में मदद करता है और पेड़ों को काटने के प्रतिकूल प्रभावों के बारे में जागरूकता भी फैलाता है।

पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाए जाते हैं और एनजीओ द्वारा विभिन्न अभियान चलाए जाते हैं ताकि लोगों को पेड़ लगाने की प्रक्रिया में भाग लेने में मदद मिल सके। यह अभ्यास हर साल होता है और हमारे देश की हरियाली के संरक्षण में मदद करता है। औद्योगीकरण में तेजी और इतने सारे कारखानों के निर्माण के कारण प्रकृति का संरक्षण हमारे जीवन का एक बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है, वनों का संरक्षण प्रमुख चिंता का विषय बन गया है।

इस त्योहार को जुलाई के महीने में मनाए जाने के कारण जो मानसून के मौसम की शुरुआत है, पेड़ लगाना फायदेमंद साबित होता है। पेड़ों का रोपण अन्य उद्देश्यों की पूर्ति भी करता है जैसे कि वैकल्पिक ईंधन विकल्प प्रदान करना, मवेशियों के लिए भोजन, मिट्टी के संरक्षण में मदद करता है और किसी भी चीज़ से अधिक प्राकृतिक सौंदर्य प्रदान करता है।

पेड़ों के रोपण से मिट्टी के कटाव से बचने में मदद मिलती है जिससे बाढ़ आ सकती है। साथ ही, वृक्षारोपण ग्लोबल वार्मिंग को धीमा करने में बेहद प्रभावी हो सकता है और वायु प्रदूषण को कम करने में पेड़ भी प्रदूषण को कम करने में मदद करते हैं।

पेड़ों की लगातार कटाई अब लंबे समय से एक समस्या है और इसके परिणामस्वरूप हमारे लिए उसी के लिए जागरूकता पैदा करना बेहद महत्वपूर्ण है। और सभी को कोशिश करनी चाहिए और इस अभ्यास में खुद को सक्रिय रूप से शामिल करना चाहिए।

वन विभाग के अनुसार हर पेड़ को गिराने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए दस पेड़ों दस पेड और लगाने चाहिए ताकि प्रकृति और मनुष्यों को कोई नुक्सान न हो। हालांकि हमें पेड़ लगाने के लिए वन महोत्सव का इंतज़ार नहीं करना चाहिए बल्कि अपने जन्मदिन या ऐसे किसी भी ख़ुशी के मौके को पेक पेड़ लगाकर मनाना चाहिए ताकि मानवता का भला हो सके और वातावरण बेहतर बन सके।

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