Hindi, asked by anishsharma2888, 1 year ago

Van rahange to
hum rahenge nibandh in. Hindi

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Answered by Maximus
99
प्राचीन काल से ही वन मनुष्य के जीवन में विशेष महत्व रखते थे । यह मानव जीवन के लिए प्रकृति के अनुपम उपहार हैं । हमारे वन पेड़-पौधे ही नहीं अपितु अनेकों उपयोगी जीव-जंतुओं व औषधियों का भंडार हैं ।

वन पृथ्वी पर जीवन के लिए अनिवार्य तत्व हैं यह प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने में पूर्णतया सहायक होते हैं । प्राचीन काल से ही हमारे पूर्वजों, ऋषियों-मुनियों व संतों के लिए वन तपस्या का प्रमुख स्थान रहा है । इन्हीं वनों में महान ऋषियों के आश्रम रहे हैं जहाँ पर संत एवं उनके शिष्य रहते थे । समाज में इनका विशेष स्थान था जिन्हें लोग पूर्ण श्रद्‌धा एवं विश्वास से देखते थे ।

पूर्व चिकित्सकों एवं वैद्‌यों के लिए वन महान औषधियों का स्त्रोत थे। रामायण की कथा में मेघनाथ के अमोघ अस्त्र के प्रहार से लक्ष्मण का जीवन बचाने के लिए संजीवनी वनों में ही उपलब्ध थी । वृंदावन का भगवान श्रीकृष्ण एवं राधिका के पवित्र प्रेम से सीधा संबंध रहा है । उनका यह संबंध देवी-देवताओं के प्रकृति प्रेम को दर्शाता है ।

वनों में अनेक प्रकार के पेड़-पौधों का भंडार होता है जो विभिन्न प्रकार से मानव के लिए उपयोगी है । पीपल के वृक्ष का हमारे लिए आध्यात्मिक महत्व तो है ही साथ ही साथ यह अत्यंत गुणकारी भी है क्योंकि यह प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन देकर मानव मात्र का कल्याण करता है । s

वैसे तो सभी वृक्ष दिन के समय ऑक्सीजन छोड़ते हैं जो जीवन के लिए आवश्यक तत्व है परंतु पीपल के वृक्ष में ऑक्सीजन प्रदान करने का अनुपात अन्य वृक्षों की तुलना में अधिक होता है । इसके अतिरिक्त नीम, बबूल, तुलसी, आँवला व शमी आदि वृक्षों का औषधि के रूप में विशेष महत्व है ।

वन मनुष्य के लिए ही नहीं अपितु समस्त जीव-जंतुओं के लिए आवश्यक हैं । इनसे प्रकृति का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है । आज वनों के अधिकाधिक कटाव से अनेक महत्वपूर्ण जंतु लुप्त हो गए हैं तथा अनेक जंतुओं के लुप्त होने का खतरा उत्पन्न हो गया है । वनराज सिंह की संख्या में निरंतर कमी आ रही है । जंगली हाथियों की संख्या भी लगातार घट रही है । यही हाल अन्य जंतुओं का भी है ।

वन ऋतुचक्र एवं प्रकृति में संतुलन बनाए रखने में सक्षम होते हैं । वन अधिक वर्षा के समय मिट्‌टी के कटाव को रोकते हैं तथा उसकी उपजाऊ शक्ति को बनाए रखने में सहयोग करते हैं । पेड़-पौधे अपनी जड़ों के द्‌वारा पृथ्वी के जल को अवशोषित करते हैं जो पुन: वाष्पित होकर वायुमंडल में बादल का रूप ले लेते हैं, जिसके परिणामस्वरूप वर्षा होती है और यह चक्र निरंतर बना रहता है ।



Answered by rajender83
76

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