वने एकः सिंह निवसति स्म । सिंहः गुहायां शयनं करोति स्म। कोऽपि मूषकः
तत्र आगत्य सिंहस्य शरीरे अधावत्। कुपितः सिंहः मूषकं करे गृह्णाति । मूषकः
निवेदयति "मां मा मारय अहं ते सहायता करष्यिामि।" सिंहः
हसनवदत्"लघुमूषकः मम सहायता करिष्यति?"
एकदा सिंहः जाले अपतत्। सः
उच्चैः अगर्जत् । तस्य गर्जनं श्रुत्वा मूषकः आगच्छत् । सः जालं दन्तैः अकर्तयत्।
बन्धनमुक्तः सिंहोऽवदत्- "मित्रं तु लघुः अपि वरम् । "
Answers
वने एकः सिंह निवसति स्म । सिंहः गुहायां शयनं करोति स्म। कोऽपि मूषकः तत्र आगत्य सिंहस्य शरीरे अधावत्। कुपितः सिंहः मूषकं करे गृह्णाति । मूषकः निवेदयति "मां मा मारय अहं ते सहायता करष्यिामि।" सिंहः हसनवदत्"लघुमूषकः मम सहायता करिष्यति?" एकदा सिंहः जाले अपतत्। सः उच्चैः अगर्जत् । तस्य गर्जनं श्रुत्वा मूषकः आगच्छत् । सः जालं दन्तैः अकर्तयत्। बन्धनमुक्तः सिंहोऽवदत्- "मित्रं तु लघुः अपि वरम् । "
हिंदी अर्थ ⦂ किसी जंगल में एक शेर रहता था। एक बार शेर अपनी दुकान में सो रहा था, तभी कोई एक चूहा आया और शेर के शरीर को काटने लगा। शेर ने क्रोधित होकर चूहे को अपने मुँह में दबा लिया। चूहे ने शेर से निवेदन किया, मुझे मारो मत, मैं कभी ना कभी तुम्हारे काम आऊंगा। शेर ने हंसने हुए चूहे को छोड़ दिया, यह छोटा सा चूहा मेरी क्या सहायता करेगा। एक बार शेर जाल मैं फंस गया। वह तेज आवाज में गर्जने लगा। उसकी गर्जना सुनकर चूहा वहां आया। उसने अपने दाँतों से जाल को कुतर दिया। बंधन मुक्त होकर शेर बोल, मित्र तुम छोटे हो होकर भी बहुत बड़े हो।
○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○
Answer:
हिंदी अर्थ
Explanation:
किसी जंगल में एक शेर रहता था। एक बार शेर अपनी दुकान में सो रहा था, तभी कोई एक चूहा आया और शेर के शरीर को काटने लगा। शेर ने क्रोधित होकर चूहे को अपने मुँह में दबा लिया। चूहे ने शेर से निवेदन किया, मुझे मारो मत, मैं कभी ना कभी तुम्हारे काम आऊंगा। शेर ने हंसने हुए चूहे को छोड़ दिया, यह छोटा सा चूहा मेरी क्या सहायता करेगा। एक बार शेर जाल मैं फंस गया। वह तेज आवाज में गर्जने लगा। उसकी गर्जना सुनकर चूहा वहां आया। उसने अपने दाँतों से जाल को कुतर दिया। बंधन मुक्त होकर शेर बोल, मित्र तुम छोटे हो होकर भी बहुत बड़े हो।