वनों से होने वाले प्रत्यक्ष लाभों को स्पष्ट कीजिए।
Answers
पेड़ों और अन्य वनस्पतियों के नुकसान से जलवायु परिवर्तन, मरुस्थलीकरण, मिट्टी का क्षरण, कम फसल, बाढ़, वातावरण में ग्रीनहाउस गैसों में वृद्धि, और स्वदेशी लोगों के लिए समस्याओं का एक मेजबान हो सकता है।
Explanation:
भारतीय वनों का महत्त्व
वनों से हमें अनेक प्रकार के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष लाभ हैं -
(क) प्रत्यक्ष लाभ
1. भोजन - वन से भोजन के लिए कंद-मूल, फल-फूल की प्राप्ति होती है, जो कई आदिम जातियों के लिए आज भी भोजन प्राप्ति का एकमात्र साधन है ।
2. फर्नीचर एवं जलावन के लिए लकड़ी - वनों से हमें प्रतिवर्ष 4000 से अधिक प्रकार की लकड़ी प्राप्त होती है, जिनमें 500 से अधिक मूल्यवान लकडि़याँ हैं, जैसे - सखुआ, सागवान, शीषम, देवदार, चंदन इत्यादि । इससे हमें ईंधन या जलावन की लकड़ी भी प्रचुर मात्रा में प्राप्त होती है ।
3. उद्योगों के लिए कच्चा माल - कागज, दियासलाई, कत्था, रबर, कृत्रिम रेषम, बीड़ी इत्यादि विभिन्न उद्योग-धंधों के लिए कच्चा माल मिलता है ।
4. पशुओं के लिए चारा - वनों में चरने वाले पशुओं को वनों से चारा प्राप्त होता है ।
5. काष्ठकोयला की प्राप्ति - यह जलावन के अतिरिक्त शक्तिसाधन के रूप में उपयोगी सिद्ध हुआ है। भद्रावती का लौह-इस्पात कारखाना काष्ठकोयला का मुख्य रूप से उपयोग करता है ।
6. जड़ी-बूटी आदि की प्राप्ति - इससे जड़ी बूटी, मधु तथा फल-मूल की प्राप्ति होती है ।
7. रेषम की प्राप्ति - अण्डी तथा शहतूत पर रहने वाले रेषम के कीड़ों से रेषम मिलता है ।
8. लाह की प्राप्ति - पलास, कुसुम आदि पर पनपने वाले लाह के कीड़ों से लाह प्राप्त होती है, जिसके उत्पादन पर भारत का एकाधिकार है ।
9. लोगों के आजीविका का साधन - लकड़ी काटने, चीरने, ढ़ोने, सामान तैयार करने आदि से बहुत से लोगों को आजीविका मिल जाती है ।
10. आय की प्राप्ति - सरकार को इससे अरबों रूपए की वार्षिक आय के रूप में होती है।
11. आश्रय प्रदान - कई जनजातियों तथा जीव-जन्तुओं को यह आश्रय प्रदान करता है ।
(ख) अप्रत्यक्ष लाभ
1. वन वायुमंडल में कार्बन डाई-ऑक्साइड (CO2) की सांद्रता को नहीं बढ़ने देते ।
2. वन रेगिस्तान के फैलाव को रोकते हैं ।
3. वन पर्यटकों को आकर्षित करके लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं ।
4. वन वातावरण में नमी बनाए रखते हैं तथा जलवायु को स्वच्छ बनाए रखते हैं । इस प्रकार ये ‘सूखे’ की स्थिति से हमें बचाते हैं ।
5. वन बादलों को अपनी ओर आकृष्ट करके जलवृष्टि कराने में सहायक होते हैं ।
6. ये बाढ़ को रोकते हैं । वनों द्वारा नदियों की धारा नियंत्रित होती है ।
7. वनों से भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ती है । पेड़ों के पत्तों के सड़ने-गलने से मिट्टी में जीवांष ;भ्नउनेद्ध की मात्रा में वृद्धि होती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है ।
8. वन कृषि तथा अन्यान्य उद्योगों के बीच संतुलन स्थापित करते हैं ।
9. वन भूमिगत जलस्तर को उठाते हैं, जिससे कुआँ खोदने तथा सिंचाई करने में सुविधा होती है।
10. मृदा अपरदन पर नियन्त्रण - पेड़-पौधे मिट्टी को अपनी जड़ों से जकड़कर रखते हैं।कुल-मिलाकर कहा जा सकता है कि अन्य लाभों के अतिरिक्त इसकी सबसे महती भूमिका पर्यावरण का संतुलन कायम रखना है ।