वन्य जीवों की हत्या पर रोक लगाने के संदर्भ में अपने विचार व्यक्त कीजिए
Answers
Answered by
5
Answer:
。:゚itsurheart°:。
प्रजातियों के नियंत्रित एवं सीमित उपयोग के लिए प्राकृतिक आवासों का संरक्षण करना।
संरक्षित क्षेत्रों में (राष्ट्रीय उद्यान, अभयारण्य, बायोस्फीयर रिजर्व, आदि) पर्याप्त संख्या में प्रजातियों का रख–रखाव करना।
वनस्पति और जीव प्रजातियों के लिए बायोस्फीयर रिजर्व की स्थापना करना।
Answered by
0
वन्य जीवों की हत्या पर रोक लगाने के संदर्भ में अपने विचार निम्न प्रकार से व्यक्त किए गए हैं।
- वन्य जीवों की हत्या से वन पारिस्थितिक तंत्र का स्वरूप बिगड़ जाता है।
- वन्य जीवों की हत्या के कारण कई प्राणियों की प्रजातियां लुप्त हो चुकी है तथा कुछ लुप्त होने के कगार पर है।
- मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए जंगली जानवरों को मारता है, उनकी खाल से कम्बल, जूते, बैग्स, पर्सेस बनाता है।
- मतलबी इंसान सर्दियों से अपनी रक्षा करने के लिए किसी अन्य जीव की चमड़ी का उपयोग करता है, यह कहां तक सार्थक है?
- हम मनुष्य अपना पेट भरने के लिए , जीभ के स्वाद के लिए अन्य जानवरों का मांस खाते है ,यह बात बिल्कुल ठीक नहीं है।
- हमें यह प्रयत्न करना चाहिए कि अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जानवरों पर निर्भर न रहें।
- सरकार को जीव हत्या के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने चाहिए।
भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम
- भारत सरकार ने 1972 में एक अधिनियम पारित किया था जिससे वन्य जीवों के अवैध शिकार व उनके हांड मांस तथा खाल के व्यापार पर रोक लगाई जा सके।
- इस अधिनियम को सन् 2003 में संशोधित किया गया है तथा इसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 2002 रखा गया जिसके अनुसार इसमें दण्ड व जुर्माना रखा गया है।
Similar questions