Math, asked by takkarm7, 7 months ago

वण
-विच्छेद :- अनुभव​

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Answered by ay406661
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प्रयोग अथवा परीक्षा द्वारा प्राप्त ज्ञान अनुभव कहलाता है। प्रत्यक्ष ज्ञान अथवा बोध। स्मृति (याददास्त) से भिन्न ज्ञान। तर्कसंग्रह के अनुसार ज्ञान के दो भेद हैं - स्मृति और अनुभव। संस्कार मात्र से उत्पन्न ज्ञान को स्मृति और इससे भिन्न ज्ञान को अनुभव कहते हैं। अनुभव के दो भेद हैं - यथार्थ अनुभव तथा अयथार्थ अनुभव। प्रथम को प्रमा तथा द्वितीय को अप्रमा कहते हैं। यथार्थ अनुभव के चार भेद हैं-

(1) प्रत्यक्ष, (2) अनुमिति, (3) उपमिति, तथा (4) शाब्द

इनके अतिरिक्त मीमांसा के प्रसिद्ध आचार्य प्रभाकर के अनुयायी अर्थपत्ति, भाट्टमतानुयायी अनुपलब्धि, पौराणिक सांभविका और ऐतिह्यका तथा तांत्रिक चंष्टिका को भी यथार्थ अनुभव के भेद मानते हैं। इन्हें क्रम से प्रत्यक्ष, अनुमान, उपमान, शब्द, अर्थापत्ति, अनुलब्धि, संभव, ऐतिह्य तथा चेष्टा से प्राप्त किया जा सकता है।

अयथार्थ अनुभव के तीन भेद हैं-

(1) संशय, (2) विपर्यय तथा (3) तर्क।

संदिग्ध ज्ञान को संशय, मिथ्या ज्ञान को विपर्यय एवं ऊह (संभावना) को तर्क कहते है।

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