Vano ka mahatva
Ke baare mein nibandh
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आज का निबंध का विषय है "वनों का महत्वे ".यह विषय दिखने में काफी अच्छा लग रहा है.हम सब से पहले यह कहेंगे की वन का दूसरा शब्द क्या है.
वन को जंगल भी कहा जाता है.यही है वन का दूसरा शब्द.जंगल एक ऐसा जगह है जहा बहुत सरे पेड़ होते है.इसमें पेड़ के साथ साथ बहुत सारे जीव जंतु भी रहते है.
हमारे जीवन में वन का बहुत महत्वे है.इस्सके बिना हमारे जीवित रहते मुमकिन नहीं हो पाता.इस्सके बिना पशु और पक्षी भी जीवित नहीं रह पाते.
जंगल के पेड़ से हमें ऑक्सीजन मिलता है.यह ऑक्सीजन हम स्वास लेने में उपयोग करते है.बिना ऑक्सीजन के हम स्वास नहीं लेपाएंगे और हमारी मृत्यु भी हो सकती है.
ऑक्सीजन के आलावा , पेड़ों से हमें फूल ,फल,लकड़ी ,पत्ते आदि पाये जाते है.इन सब चीज़ों के भी उपयोग किये जाते है तरह तरह की चीज़े बनाना में.फूलों का उपयोग , माला बनाने मैं और घर सजाने में किया जाता है.फलों का उपयोग खाने में किया जाता है.लकड़ी का उपयोग फर्नीचर और पेंसिल वगैरा बनाना में किया जाता है.पत्तों को जलाकर गर्मी पायी जाती है और कुछ पत्ते दवाई के रूप में भी उपयोग किया जाता है.
वन को जंगल भी कहा जाता है.यही है वन का दूसरा शब्द.जंगल एक ऐसा जगह है जहा बहुत सरे पेड़ होते है.इसमें पेड़ के साथ साथ बहुत सारे जीव जंतु भी रहते है.
हमारे जीवन में वन का बहुत महत्वे है.इस्सके बिना हमारे जीवित रहते मुमकिन नहीं हो पाता.इस्सके बिना पशु और पक्षी भी जीवित नहीं रह पाते.
जंगल के पेड़ से हमें ऑक्सीजन मिलता है.यह ऑक्सीजन हम स्वास लेने में उपयोग करते है.बिना ऑक्सीजन के हम स्वास नहीं लेपाएंगे और हमारी मृत्यु भी हो सकती है.
ऑक्सीजन के आलावा , पेड़ों से हमें फूल ,फल,लकड़ी ,पत्ते आदि पाये जाते है.इन सब चीज़ों के भी उपयोग किये जाते है तरह तरह की चीज़े बनाना में.फूलों का उपयोग , माला बनाने मैं और घर सजाने में किया जाता है.फलों का उपयोग खाने में किया जाता है.लकड़ी का उपयोग फर्नीचर और पेंसिल वगैरा बनाना में किया जाता है.पत्तों को जलाकर गर्मी पायी जाती है और कुछ पत्ते दवाई के रूप में भी उपयोग किया जाता है.
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वनों का महत्व
वनों में हरी भरी लंबे मोटे बड़े पेड़ होते है । उनके बीच में जंग्ली जानवर, तरह तरह के मक्खियाँ, कीड़े, और सुंदर सुंदर पक्षी रहते हैं ।
घने और ऊंचे जंगलों से जब मेघ टकराते हैं, तो पानी बरसता है । वन के अंदर के पेड़ मिट्टी को पकड़ के रखते हैं । इसलिए मिट्टी का स्टार नेचे न होता । नहीं तो बरसात के समय पानी के साथ साथ मिट्टी भी बह जाता है । हम सास लेने के बाद नाक से बाहर जो गेस छोड़ते हैं (कार्बन डाइऑक्साइड) , उसे पेड़ अपने अंदर लेते हैं और हमें वापस स्वच्छ हवा (औक्सिजेन भरा) देते हैं । ओक्सिजेन तो हमारा प्राणवायु हैं । अगर पेड़ इस धरती पर न होते तो हम अब तक जीवित न रहते।
वृक्ष धरती पर हमारे परम मित्र हैं। बिना वृक्षों के हम जी नहीं सकते । हम वृक्षों को थोड़ी सी जगह और थोड़ा सा पानी देते हैं। और वे हमें ज़िंदगी के साथ साथ और बहुत कुछ देते हैं । वृक्षों से हमें बहुत लाभ होते हैं। सब से पहले वृक्षों से हमें एक दम स्वच्छ और अच्छी हवा मिलती है। इस कारण से हम तंदुरुस्त रहते हैं। वृक्ष हमें धूप में छाया (परछाई) मिलती है। बहुत लोग गर्मी के मौसम में वृक्षों के नीचे बैठते हैं और सुख पाते हैं ।
वनों से हमें बहुत सारे उत्पादन मिलते हैं । शहद मधु (हनी) , कागज, लकड़ी, काठ, कुछ दवाइयाँ, जानवरों के दांत, उनके चमडे, मिलते हैं ।
पेड़ पौधों को देखने से हमें बहुत आनंद मिलता है। आँखों से हरा रंग देख ने से दिमाग एक दम " फ्रेश और फिट " हो जाता है। पेड़ों के जड़ जमीन के अंदर जाते हैं और जमीन को इकट्ठा पकड़ कर रखते हैं। पेड़ों के इस काम से जमीन और नीचे नहीं चली जाती है। पेड़ हमारे वातावरण में ठंडक पहुँचाते है ।
अगर पेड़ नहीं होते तो हम सोफा में नहीं बैठे होते, पलंग पर नहीं, जमीन पर सोते, और पढ़ने के लिये मेज (टेबल) भी नहीं होती। कितना मुश्किल है न , पेडो के बिना जीना। हर दिन हम खाने में तरकारी और सब्जियां खाते हैं। वे सब वृक्षों से ही मिलते हैं। अगर वृक्ष नहीं होते तो हमें फूल कहाँ से मिलते ? फिर भगवान की पूजा और अलंकार नहीं कर सकते। औरतें अपनी बालों में फूल नहीं रख सकते। फूलों से सारा जहां खूब सूरत बन जाती है।
हर दिन हम तो आपिल , नारिंज , केला, अमरूद, कजूर, और क्या क्या नहीं खाते हैं। ये सब हमें भगवान ने पेड़ों के जरिये हमें दिया।
हमारा कर्तव्य और धर्म है कि पौधे और पेड़ उगाएँ, वनों की सुरक्षा करें, लाभ पाएँ और खुश रहें।
वनों में हरी भरी लंबे मोटे बड़े पेड़ होते है । उनके बीच में जंग्ली जानवर, तरह तरह के मक्खियाँ, कीड़े, और सुंदर सुंदर पक्षी रहते हैं ।
घने और ऊंचे जंगलों से जब मेघ टकराते हैं, तो पानी बरसता है । वन के अंदर के पेड़ मिट्टी को पकड़ के रखते हैं । इसलिए मिट्टी का स्टार नेचे न होता । नहीं तो बरसात के समय पानी के साथ साथ मिट्टी भी बह जाता है । हम सास लेने के बाद नाक से बाहर जो गेस छोड़ते हैं (कार्बन डाइऑक्साइड) , उसे पेड़ अपने अंदर लेते हैं और हमें वापस स्वच्छ हवा (औक्सिजेन भरा) देते हैं । ओक्सिजेन तो हमारा प्राणवायु हैं । अगर पेड़ इस धरती पर न होते तो हम अब तक जीवित न रहते।
वृक्ष धरती पर हमारे परम मित्र हैं। बिना वृक्षों के हम जी नहीं सकते । हम वृक्षों को थोड़ी सी जगह और थोड़ा सा पानी देते हैं। और वे हमें ज़िंदगी के साथ साथ और बहुत कुछ देते हैं । वृक्षों से हमें बहुत लाभ होते हैं। सब से पहले वृक्षों से हमें एक दम स्वच्छ और अच्छी हवा मिलती है। इस कारण से हम तंदुरुस्त रहते हैं। वृक्ष हमें धूप में छाया (परछाई) मिलती है। बहुत लोग गर्मी के मौसम में वृक्षों के नीचे बैठते हैं और सुख पाते हैं ।
वनों से हमें बहुत सारे उत्पादन मिलते हैं । शहद मधु (हनी) , कागज, लकड़ी, काठ, कुछ दवाइयाँ, जानवरों के दांत, उनके चमडे, मिलते हैं ।
पेड़ पौधों को देखने से हमें बहुत आनंद मिलता है। आँखों से हरा रंग देख ने से दिमाग एक दम " फ्रेश और फिट " हो जाता है। पेड़ों के जड़ जमीन के अंदर जाते हैं और जमीन को इकट्ठा पकड़ कर रखते हैं। पेड़ों के इस काम से जमीन और नीचे नहीं चली जाती है। पेड़ हमारे वातावरण में ठंडक पहुँचाते है ।
अगर पेड़ नहीं होते तो हम सोफा में नहीं बैठे होते, पलंग पर नहीं, जमीन पर सोते, और पढ़ने के लिये मेज (टेबल) भी नहीं होती। कितना मुश्किल है न , पेडो के बिना जीना। हर दिन हम खाने में तरकारी और सब्जियां खाते हैं। वे सब वृक्षों से ही मिलते हैं। अगर वृक्ष नहीं होते तो हमें फूल कहाँ से मिलते ? फिर भगवान की पूजा और अलंकार नहीं कर सकते। औरतें अपनी बालों में फूल नहीं रख सकते। फूलों से सारा जहां खूब सूरत बन जाती है।
हर दिन हम तो आपिल , नारिंज , केला, अमरूद, कजूर, और क्या क्या नहीं खाते हैं। ये सब हमें भगवान ने पेड़ों के जरिये हमें दिया।
हमारा कर्तव्य और धर्म है कि पौधे और पेड़ उगाएँ, वनों की सुरक्षा करें, लाभ पाएँ और खुश रहें।
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