Sociology, asked by niku9481, 11 months ago

Vanshavali aur natedari mein antar spasht kijiye

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Answered by Anonymous
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विवाह, वंशावली, स्वामित्व और शासनाधिकार के विभिन्न रूपों के आधार पर परिवारों के विभिन्न रूप और प्रकार हो जाते हैं। मातृस्थानीय परिवार में पति अपनी पत्नी के घर का स्थायी या अस्थायी सदस्य बनता है, जबकि पितृस्थानीय परिवार में पत्नी पति के घर जाकर रहती है। मातृस्थानीय परिवार साधारणत: मातृवंशीय और पितृस्थानीय परिवार पितृवंशीय होते हैं। बहुधा परिवार की संपत्ति का स्वामित्व पितृस्थानीय परिवार में पुरुष को और मातृस्थानीय परिवार में नारी को प्राप्त है। प्राय: संपत्ति का उत्तराधिकारी ज्येष्ठ संतान होती है। किंतु यह आवश्यक नहीं है। भारत की गारो जैसी जनजाति में सबसे छाटी लड़की ही पारिवारिक संपत्ति की स्वामिनी होती है। अनेक समाजों में परिवार के सभी स्त्री या पुरुष सदस्यों में स्वमित्व निहित होता है और कुछ में पुरुष तथा स्त्री दोनों को संपत्ति का उत्तराधिकार प्राप्त है। परिवार का शासन अधिकांश समाजों में पुरुषों के हाथ होता है। अंतर इतना है कि पितृवंशीय परिवारों में साधारणत: पिता अथवा घर का सबसे बड़ा पुरुष और मातृवंशीय परिवारों में मामा या माता का अन्य सबसे बड़ा रक्तसंबंधी (पुरुष) घर का मुखिया होता है। अत: संसार के अधिकांश भागों में और समाजों में पुरुष की प्रधानता पाई जाती है।

संसार में दांपत्य जीवन में प्राय: एकपत्नीत्व ही सबसे अधिक प्रचलित है, यद्यपि अनेक समाजों में पुरुषों को एक से अधिक पत्नियाँ रखने की भी छूट है। इसके विपरीत टोडा और खस जनजातियों में और तिब्बत के कुछ प्रदेशों में बहुपति प्रथा तथा एक प्रकार के यूथ विवाह की प्रथा है। इसी प्रकार भारत में खासी, गारो और अमरीका में होपी, हैडिया जैसी जनजातियाँ भी हैं जो मातृस्थानीय और मातृवंशीय हैं। विवाह के इन रूपों में परिवार की रचना और स्वरूप में अंतर पड़ जाता है।

आधुनिक औद्योगिक क्रांति के फलस्वरूप परिवार की रचना और कार्यों में गंभीर परिवर्तन परिलक्षित हुए हैं। पहले सभी समाजों में परिवार समाज की सबसे महत्वपूर्ण और मौलिक संस्था थी। जीवन का अधिकांश व्यापार परिवार के माध्यम से संपन्न होता था। इन औद्योगिक समाजों में परिवार अब उत्पादन की इकाई नहीं है। बच्चों के शिक्षण का कार्य शिक्षण संस्थाओं ने लिया है। रसोई का कार्य व्यावसायिक भोजनालयों तथा जलपानगृहों में चला गया है। मनोरंजन के लिए पृथक् संगठन स्थापित हो गए हैं। सामाजिक सुरक्षा का उत्तरदायित्व राज्य के पास चला गया और धर्म के घटते हुए प्रभाव के कारण धार्मिक कृत्यों का स्थान गौण को गया है। पति और पत्नी का अधिकांश समय घर के बाहर व्यतीत होता है। फिर भी परिवार बना हुआ है और उसके द्वारा कुछ महत्वपूर्ण कार्य संपन्न होते हैं, जिन्हें परिवार का स्थायी या अवशिष्ट कार्य कहा जाता है

Answered by dackpower
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Vanshavali aur natedari mein antar

Explanation:

वंशावली मुख्य रूप से व्यक्तियों के साथ और व्यक्तियों के बारे में तथ्यों के साथ, और ज्यादातर जन्म (माता-पिता सहित), विवाह, संतान और मृत्यु से संबंधित महत्वपूर्ण डेटा तथ्यों से संबंधित है। अधिकांश वंशावलीज्ञ सामाजिक महत्व के बारे में असंबद्ध हैं, लेकिन जब वे होते हैं, तो यह किसी व्यक्ति को बेहतर समझने के उद्देश्य से होता है। बेशक, वंशावली भी उस परिवार में रुचि रखती है जिसमें व्यक्ति संबंधित है या किसी तरह से जुड़ा हुआ है जो व्यक्ति पर प्रकाश डालता है।

रिश्तेदारी, सामाजिक संगठन की प्रणाली जो वास्तविक या स्थानिक पारिवारिक संबंधों पर आधारित है। रिश्तेदारी के आधुनिक अध्ययन का तुलनात्मक कानूनी संस्थानों और दर्शनशास्त्र में 19 वीं सदी के मध्य के हितों के बारे में पता लगाया जा सकता है। 19 वीं सदी के अंत में, हालांकि, रिश्तेदारी संस्थानों की क्रॉस-सांस्कृतिक तुलना नृविज्ञान का विशेष प्रांत बन गई।

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वंशावली विश्लेषण क्या है? यह विश्लेषण किस प्रकार उपयोगी है?

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