Vapsi kahani ka uddeshya
Answers
Answered by
16
खिज़ा में सूख बैठा कल चमन था बाग जो सारा
बहारों के जो फ़िर मौसम अगर लौटे तो क्या लौटे..
सभी कुछ हार बैठे ज़िन्दगी के खेल में जब हम
मौके जो ले के ग़म अगर लौटे तो क्या लौटे..
मिटाया वक्त ने जो कुछ लिखा था शक्ल पर मेरी..
नई सूरत को ले कर हम अगर लौटे तो क्या लौटे
झुका करती थीं पलकें सिर्फ़ जिनके नाम को सुन कर..
दर पे यूँ उनके बेशरम लौटे तो क्या लौटे ॥
कहानी लिख ही डाली जब तलक किस्मत ने पूरी ये
खुदाया नई ले कर तब कलम लौटे तो क्या लौटे..
बोटियाँ नोच डाली जहाँ श्वानों-चील-कौवों ने,
लगाने तुम वहाँ मरहम अगर लौटे तो क्या लौटे॥
लौटे थे जिनको ढूँढने को साथ लेने हम ,
किसी के हो चुके हमदम अगर लौटे तो क्या लौटे॥
पुकारा जिन्हें हमने ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी कह के,
मनाने वो मेरा मातम अगर लौटे तो क्या लौटे॥
बहारों के जो फ़िर मौसम अगर लौटे तो क्या लौटे..
सभी कुछ हार बैठे ज़िन्दगी के खेल में जब हम
मौके जो ले के ग़म अगर लौटे तो क्या लौटे..
मिटाया वक्त ने जो कुछ लिखा था शक्ल पर मेरी..
नई सूरत को ले कर हम अगर लौटे तो क्या लौटे
झुका करती थीं पलकें सिर्फ़ जिनके नाम को सुन कर..
दर पे यूँ उनके बेशरम लौटे तो क्या लौटे ॥
कहानी लिख ही डाली जब तलक किस्मत ने पूरी ये
खुदाया नई ले कर तब कलम लौटे तो क्या लौटे..
बोटियाँ नोच डाली जहाँ श्वानों-चील-कौवों ने,
लगाने तुम वहाँ मरहम अगर लौटे तो क्या लौटे॥
लौटे थे जिनको ढूँढने को साथ लेने हम ,
किसी के हो चुके हमदम अगर लौटे तो क्या लौटे॥
पुकारा जिन्हें हमने ज़िन्दगी भर ज़िन्दगी कह के,
मनाने वो मेरा मातम अगर लौटे तो क्या लौटे॥
Neha9821:
ok
Similar questions