History, asked by santossahusantosh870, 4 months ago

वर्कशीट 2020-21
कक्षा-7
विषय - सामाजिक विज्ञान (हिन्दी माध्यम)
विशाधों के लिए निवेश (निम्नांकित जानकारी अभियान भरे और दिए गए स्थान में जाकर लिये।
माह - जनवरी
शालाकानाम-
कला/विषय शिक्षक बारा पर्कशीट को जांचकर
प्राप्तांक साइड में दिए यक्ति ने भरे जाएँ-
लिखिल प्रोजेक्ट
.
कौशल आधारित लिखित प्रश्न बशीर में दिए प्रश्नों को उत्तर वशीट में प्रश्न के गीचे आरे दिए स्थान माया
प्रोजेक्ट वर्श बकसीत में दिए पोजेपर वर्क को परके आसपास परिवेश में उपलव्य संसाधन सामग्री एवं दैनिक जीवन में
बाली घटनाओं के अवलोकन विश्लेषण व विकासाकार अपने अनुभवों को बशीर में दिए गए गए बिन्दुओका
.
अशोर को पूर्ण करने में आवश्यकतानपार अपनी पाहणपुस्तकों, माता पिता, मित्रों, आई-बागदादा-दादी आ
मबंधीजनों से चर्चा भी की जा सकती है।
वाशीद को प्रत्येक बच्चे द्वारा पूर्ण कर शाला का शिक्षक के पास जमा कराना है। माह जनवरी फरवरी मार्च ।
पृथान पृथक बुकलेट है। कुल तीन चुकलेट है जो प्रत्येक वस्ने हायपूर्ण की जानी है। बुकलेट में सभी विषयी माहीत!
(यहाँ से वशीट पर कार्य प्रारंभ करें।
प्रश्न।
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
पुराने भवन, इमारते आदि इतिहास जानने के किस स्त्रोत
रूप में उपयोग किए जाते है।
एलोरा की गुफा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर की प्रमुख विशेषता लिखिए।
उत्तर
प्रश्न2.
(अ) आप सरपंच/महापौर के चुनाव में मतदान क्यों नहीं कर सकते है?
उत्त्तर​

Answers

Answered by singhyogendra559
1

Answer:

नए साल की शुरूआत में होने वाले पंचायत चुनाव भी बदले स्वरूप में नजर आ सकते हैं। इस बार नया यह होगा कि सरपंचों को भी गांवों की जनता नहीं बल्कि पंच मिलकर चुनेंगे। फिलहाल उच्च स्तर पर इस विधि से सरपंचों को चुनने का फैसला सरकार ने कर लिया है। इसके लिए जल्द ही पंचायत अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन करने जा रही है। भास्कर से शासन स्तर पर इसकी पुष्टि की है। इसकी तैयारी अंतिम दौर में है।

नए साल की शुरूआत में होने वाले पंचायत चुनाव भी बदले स्वरूप में नजर आ सकते हैं। इस बार नया यह होगा कि सरपंचों को भी गांवों की जनता नहीं बल्कि पंच मिलकर चुनेंगे। फिलहाल उच्च स्तर पर इस विधि से सरपंचों को चुनने का फैसला सरकार ने कर लिया है। इसके लिए जल्द ही पंचायत अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन करने जा रही है। भास्कर से शासन स्तर पर इसकी पुष्टि की है। इसकी तैयारी अंतिम दौर में है।सरकार पहले ही महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने का फैसला कर चुकी है। इसके लिए अध्यादेश में भी संशोधन किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि वह एक दिन में ही पंचायत अध्यादेश में भी संशोधन करा लेगी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान पहले पंचों का चुनाव जनता करेगी फिर वे मिलकर अपने बीच में से पंच चुनेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग को भी इस बात के संकेत दे दिए हैं। निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे आयोग ने पंचायत चुनाव में भी बदले फार्मूले पर क्या - क्या करना होगा इस पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।

नए साल की शुरूआत में होने वाले पंचायत चुनाव भी बदले स्वरूप में नजर आ सकते हैं। इस बार नया यह होगा कि सरपंचों को भी गांवों की जनता नहीं बल्कि पंच मिलकर चुनेंगे। फिलहाल उच्च स्तर पर इस विधि से सरपंचों को चुनने का फैसला सरकार ने कर लिया है। इसके लिए जल्द ही पंचायत अधिनियम में अध्यादेश के जरिए संशोधन करने जा रही है। भास्कर से शासन स्तर पर इसकी पुष्टि की है। इसकी तैयारी अंतिम दौर में है।सरकार पहले ही महापौर का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से करने का फैसला कर चुकी है। इसके लिए अध्यादेश में भी संशोधन किया गया है। सरकार को उम्मीद है कि वह एक दिन में ही पंचायत अध्यादेश में भी संशोधन करा लेगी। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान पहले पंचों का चुनाव जनता करेगी फिर वे मिलकर अपने बीच में से पंच चुनेंगे। राज्य निर्वाचन आयोग को भी इस बात के संकेत दे दिए हैं। निकाय चुनाव की तैयारी में जुटे आयोग ने पंचायत चुनाव में भी बदले फार्मूले पर क्या - क्या करना होगा इस पर विचार-विमर्श शुरू कर दिया है।मालूम हो कि पंचायत चुनाव गैरदलीय अदार पर होते हैं, लेकिन राजनीतिक दल अप्रत्यक्ष तौर पर उम्मीदवारों को समर्थन देकर उन्हें जीताने की कोशिश करते हैं।। नतीजों के बाद विजयी प्रत्याशियों पर दल अपना दावा भी ठोकते हैं।

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