वर्कशीट (6)
कक्षा-9
विषय-हिंदी (कृतिका)
(पाठ 2 और 3 पर आधारित)
प्रश्न १ लेखिका ने अपनी नानी को कभी देखा भी नहीं फिर भी उनके व्यक्तित्व से वे क्यों प्रभावित थी?
प्रश्न २ आप अपनी कल्पना से लिखिए कि परदादी ने पतोहू के लिए पहले बच्चे के रूप में लड़की पैदा होने की मन्नत क्यों मांगी?
प्रश्न ३ शंकर जैसे लड़के या उमा जैसी लड़की-समाज को कैसे व्यक्तित्व की जरूरत है? तर्क सहित उत्तर दीजिए।
प्रश्न ४ 'रीढ़ की हड्डी 'एकांकी के आधार पर रामस्वरूप और गोपाल प्रसाद की चारित्रिक विशेषताएं बताइए।
प्रश्न ५ कर्नाटक के बिशप ने स्कूल खोलने से क्यों मना किया? क्या धर्म के नाम पर स्कूल खोलना प्रशंसनीय है?
नोट:-इस वर्कशीट के प्रश्नों के उत्तर अपनी फेयर कॉपी में लिखिए और याद कीजिए। plese solve kardo
Answers
Answer:
Hey mate...
I am Aastha..
Your answer is here:
Explanation:
1.लेखिका की नानी की मृत्यु उनकी माँ की शादी से पहले हो गई थी परन्तु उनकी माँ के द्वारा उन्होंने नानी के विषय में बहुत कुछ सुन रखा था। बेशक उनकी नानी शिक्षित स्त्री नहीं थीं, न ही कभी पर्दा व घर से बाहर ही गई थीं। परन्तु वे एक स्वतंत्र व्यक्तित्व की स्वामिनी थीं। उनके मन में आज़ादी की लड़ाई करने वालों के लिए विशेष आदर था। यही कारण था कि अपने अंत समय से पहले अपने पति के मित्र से उन्होंने निवेदन किया था कि उनकी पुत्री का विवाह उनके पति की पसंद से न हो, क्योंकि वह स्वयं अंग्रेज़ों के समर्थक थे, बल्कि उनके मित्र करवाएँ। वह अपनी ही तरह आज़ादी का दीवाना ढूँढे। वे देश की आज़ादी के लिए भी जूनून रखती परन्तु कभी घर से बाहर उन्होंने कदम नहीं रखा था।
2.उनकी दादी भिन्न स्वभाव की स्वामिनी थीं। लेखिका के अनुसार उनकी दादी लोगों से विपरीत ही चला करती थीं। वह सदैव लीक से हटकर बात करती थीं, उन्हें कतार में चलने का शौक नहीं था। परन्तु हमारी समझ से उनकी दादी लड़कियों से बहुत प्यार करती थीं सायद यही वजह रही हो कि वो अपने पतोहू से पहले बच्चे के रुप में कन्या चाहती थीं। पाँच कन्या होने पर भी कभी उन्होंने लेखिका की माँ को ताना या उलाहना नहीं दिया।
3.समाज में आज उमा जैसे व्यक्तित्व, स्पष्टवादिनी तथा उच्च चरित्र वाली लड़की की ही आवश्यकता है । ऐसी लड़कियाँ ही गोपाल प्रसाद जैसे दोहरी मानसिकता रखने वाले, लालची और ढोंगी लोगों को सबक सिखा सकती है। ... इसके विपरीत शंकर जैसे लड़के समाज के लिए निरुपयोगी है। शंकर जैसे व्यक्ति समाज को कोई दिशा नहीं प्रदान कर सकते हैं ।
4.रामस्वरूप – आधुनिक और प्रगतिशील विचारधाराओं से संपन्न परन्तु एक मजबूर पिता हैं। वे एक तरफ़ तो स्त्री-शिक्षा के समर्थक है परन्तु बेटी के विवाह के समय यही शिक्षा वे छिपाने का प्रयास करते हैं जिससे उनकी विवशता तथा कायरता झलकती है।
रामगोपाल – रामगोपाल निहायती चालक, बड़बोले – लालची और पढ़े-लिखे होने के बावजूद स्त्री-पुरुष की समानता में अविश्वास रखनेवाले व्यक्ति के रूप में उभरते हैं। इसी कारणवश वे अपने मेडिकल में पढ़ने वाले बेटे का विवाह कम पढ़ी-लिखी लड़की से करवाना चाहते हैं। वे विवाह जैसे पवित्र रिश्ते को भी बिजनेस मानते हैं इससे उनका लालची स्वभाव पता चलता है।
5.लेखिका बच्चों की शिक्षा के प्रति बहुत जागरूक थीं। उनके अनुसार हर बच्चे को शिक्षा पाने का अधिकार था। इसी उद्देश्य से उन्होंने कर्नाटक के छोटे से कस्बे, बागलकोट में बच्चों के लिए जहाँ स्कूल का अभाव था, कैथोलिक बिशप से स्कूल खोलने का आग्रह किया।
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