Hindi, asked by niteshsahu0801, 1 month ago

वर माँगने से पहले कैकेयी ने राजा दशरथ से किसकी सौगंध खाने के लिए कहा ?​

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Answered by adityakp95
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Answer:

वर मांगने से पहले काकायी ने राजा दशरथ से राम जी की कसम खाने के लिए कहा।

Answered by swetapandit00
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भगवान श्रीराम का संपूर्ण जीवन कर्तव्यों पर आधारित है। कर्तव्य, एक पुत्र का पिता के प्रति, राजा का प्रजा के प्रति, एक भाई का भाई के प्रति, एक मित्र का मित्र के प्रति, पति का पत्नी के प्रति आदि। मर्यादा पुरुषोत्तम के जीवन को देखें तो वहां अधिकार शब्द की जगह नहीं है। लेकिन जहां रामायण में अधिकार की बात आती है तो हमें एक नाम जेहन में आता है और वो है रानी कैकई का अधिकार। अधिकार अपने पुत्र को अयोध्या की राजगद्दी में बिठाने का, अधिकार प्रभु राम को 14 वर्षों के लिए अयोध्या से दूर वनवास भेजने का। हम सब जानते हैं कि भगवान श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास रानी कैकई के कारण हुआ था।

जब रानी कैकई अपनी दासी मंथरा के बहकावे में आ गईं तो उन्हें दो वचन के रूप में अपने अधिकार याद आ गए। वे दो वचन उन्हें स्वयं अयोध्या नरेश राजा दशरथ ने दिए थे। कहते हैं कि जब देवराज इंद्र और असुरों के बीच युद्ध हो रहा था तो उस समय राजा दशरथ ने उनका साथ दिया था। इस युद्ध में राजा दशरथ घायल हो गए थे। इस दौरान रानी कैकई ने उनके प्राण बचाए थे। तब राजा दशरथ ने रानी कैकई की वीरता से प्रसन्न होकर उनसे दो वर मांगने के लिए कहा था, लेकिन तब रानी कैकई ने उस समय कहा था कि वे समय आने पर वे दो वर मांग लेंगी l

अयोध्या में प्रभु श्रीराम के राज्याभिषेक की तैयारी जोरों से चल रही थीं। परंतु राज्याभिषेक के एक दिन पहले ही रानी कैकई मंथरा के बहकावे में आ गई और उन्होंने कैकई से राजा दशरथ से वे दो वचन मांगने के लिए कहा। मंथरा के द्वारा उकसावे में आकर रानी कैकई ने तुरंत राजा दशरथ को बुलवाया और उन्हें उन दो वचनों की याद दिलाई और मांगने के लिए कहा। राजा दशरथ से उन्होंने पहले वचन के रूप में अपने पुत्र भरत के लिए राज सिंहासन मांगा और दूसरे वचन में उन्होंने भगवान राम के लिए 14 वर्षों का वनवास। पिता के वचन का पालन करने के लिए प्रभु श्री राम, माता सीता और भ्राता लक्ष्मण सहित 14 वर्षों के वनवास के लिए चले गए।

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