वर्मीकम्पोस्ट बनाने का विधि समझाइये।
Answers
Answer:
vermi compost banane ke liye gobar aur fruits, vegetables ke chhilke ko kuchh din ke liye chhod do .aur fir aapki varmi compost tayar hai
Explanation:
अति आवश्यक है।
2. आंशिक विच्छेदन की पहचान के लिए ढेऱ में गहराई तक हाथ डालने पर गर्मीं महसूस नहीं होनी चाहिए। ऐसी स्थिति में कचरे की नमीं की अवस्था में पलटाई करने से आंशिक विच्छेदन हो जाता है।
3. वर्मी बेडों में भरे गये कचरे में कम्पोस्ट तैयार होने तक 30 से 40 प्रतिशतनमी बनाये रखें। कचरें में नमीं कम या अधिक होने पर केंचुए ठीक तरह से कार्य नही करतें।
4. वर्मीवेडों में कचरे का तापमान 20 से 27 डिग्री सेल्सियस रहना अत्यन्त आवश्यक है। वर्मीबेडों पर तेज धूप न पड़ने दें। तेज धूप पड़ने से कचरे का तापमान अधिक हो जाता है परिणामस्वरूप केंचुए तली में चले जाते हैं अथवा अक्रियाशील रह कर अन्ततः मर जाते हैं।
5. वर्मीबेड में ताजे गोबर का उपयोग कदापि न करें। ताजे गोबर में गर्मी (Heat) अधिक होने के कारण केंचुए मर जाते हैं अतः उपयोग से पहले ताजे गोबर को 4व 5 दिन तक ठण्डा अवश्य होने दें।
6. केंचुआखाद तैयार करने हेतु कार्बि नक कचरे में गोबर की मात्रा कम से कम 20 प्रतिशत अवश्य होनी चाहिए।
7. कांग्रेस घास को फूल आने से पूर्व गाय के गोबर में मिला कर कार्बनिकपदार्थ के रूप में आंशिक विच्छेदन कर प्रयोग करने से अच्छी केंचुआ खाद प्राप्त होती है।
8. कचरे का पी. एच. उदासीन (7.0 के आसपास) रहने पर केंचुए तेजी से कार्य करते हैं अतः वर्मीकम्पोस्टिंग के दौरान कचरे का पी. एच. उदासीन बनाये रखे। इसके लिए कचरा भरते समय उसमें राख (ash) अवश्य मिलाएं।
9. केंचुआ खाद बनाने के दौरान किसी भी तरह के कीटनाशकों का उपयोग न करें।
10. खाद की पलटाई या तैयार कम्पोस्ट को एकत्र करते समय खुरपी या फावडे़ का प्रयोग कदापि न करें।