Hindi, asked by mohankumar6422, 5 hours ago

वर्णन 1x232 i) जिसका मन अपने वश में नहीं वही दूसरे के मन का छन्दावर्तन करता है। (मिश्र वाक्य में)​

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Answered by TheVictorionYT
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वर्णन 1x232 i) जिसका मन अपने वश में नहीं वही दूसरे के मन का छन्दावर्तन करता है। (मिश्र वाक्य में)

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