वर्षा, बादल, नदी, सागर, सूरज, चाँद, झरने आदि में किसी एक विषय पर प्रकृति वर्णन
से जुड़ी कविता का संग्रह कीजिए। कक्षा में उसका प्रदर्शन कीजिए।
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नदी को बोलने दो
शब्द स्वरों के खोलने दो
उसकी नीरव निस्तब्धता
एक खतरे का संकेत है
यह इस बात की पुष्टि है
कि नदी हुई समाप्त
शेष रह गई रेत है
बहती हुई नदी
जीवन का प्रमाण है
राष्ट्र का है गौरव
जीवंतता की पहचान है
यह उर्वरता और जीवन
प्रदान करती है
खुद कष्ट सहकर
दूसरों का कष्ट हरती है
यह जीवनदायिनी है
इसे अपने दुष्कर्मों से
न भयभीत करो
यह नीर नहीं संचती है
इसे नाले में न तब्दील करो
तुम्हारे पाप को ढोते-ढोते
वह कुछ थक-सी गई है
ऐसा लग रहा है कि
वह कुछ सहम-सिमट-सी गई है।
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HOPE ITS HELP YOU
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