वर्षा बहार सबके, मन को लुभा रही है
नभ में छटा अनूठी, घनघोर छा रही है।
बिजली चमक रही है, बदल गरज रहे है
पानी बरस रहा है, झरने भी बह रहे है। पद्यांश की व्याख्या लिखिए
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hindi haheee...........
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