वर्षा जल संचयन की आवश्यकता 500 word
Answers
Answer:
वर्षा जल संचयन एक तकनीक है जिसका उपयोग भविष्य में इस्तेमाल करने के उद्देश्य (जैसे कृषि आदि) के लिये अलग-अलग संसाधनों के विभिन्न माध्यमों के इस्तेमाल के द्वारा बारिश के पानी को बचाकर रखने और इकट्ठा करने की एक प्रक्रिया है। बारिश के पानी को प्राकृतिक जलाशय या कृत्रिम टैंको में एकत्रित किया जा सकता है। सतह के लबालब भर जाने के द्वारा खत्म होने से पहले अधस्तल जलदायी चट्टानी पर्त में से सतह के जल का अंत:स्पदंन इकट्ठा करने का दूसरा तरीका है।
भविष्य में पानी की कमी को पूरा करने और जल को बहने से बचाने के लिये प्राकृतिक संसाधनों और कृत्रिम डिजाइन संसाधनों के माध्यम से बारिश के पानी को इकट्ठा और संग्रहित करना वर्षा जल संचयन है। कई सारे कारणों के द्वारा जल संचयन की मात्रा प्रभावित होती है जैसे बारिश की प्रायिकता, बारिश की मात्रा, बारिश के पानी को इकट्ठा करने का तरीका और पानी को इकट्ठा करने के लिये संसाधनों का आकार। कई सारी वजहों जैसे वनों की कटाई और पारिस्थितिकी असंतुलन से भूमि जलस्तर घटता जा रहा है।
खासतौर से शहरी क्षेत्रों में लगातार बढ़ते शहरीकरण और औद्योगीकरण के कारण जल आपूर्ति की मांग बढ़ रही है। इसका कारण अत्यधिक भूमिगत जल का इस्तेमाल है जिससे ये नीचे की ओर जा रहा है। है अगर तुरंत कुछ प्रभावशाली कदम नहीं उठाये गये तो भविष्य में पानी के कमी का खतरा बड़े पैमाने पर बढ़ेगा और ये जीवन के लिये भी खतरा साबित हो सकता हैं।
जल संचयन बहुत ही मददगार है विभिन्न जरुरतों को पूरा करता है जैसे भूमि जलस्तर का पुनर्भरण, जल आपूर्ति में खर्च होने वाली बिजली के बिल को घटाएगा और किसी भी समय सरल जल आपूर्ति उपलब्ध करायेगा जब भी इसकी जरुरत होगी। ये आकलन किया गया है कि जलस्तर में 1 मीटर की बढ़ौतरी लगभग 0.4KWH बिजली को बचायेगा।
बारिश के पानी का संचयन क्यों आवश्यक है:
बारिश के पानी का संग्रहण सभी क्षेत्रों के लोगों के लिये बहुत जरुरी है। भविष्य में जल की कमी का डर खत्म करना बहुत अच्छा है। निम्न बिन्दु ये समझने में मदद करेंगे कि क्यों वर्षा जल संग्रहण की आवश्यकता है:
विभिन्न उद्देश्यों के लिये पानी की मांग को सतह का जल पूरा नहीं कर सकता है।
अपनी सभी जरुरतों के लिये भूमि जल पर सभी निर्भर हैं।
वनों की कटाई, तेजी से बढ़ता शहरीकरण, नीचे की मिट्टी से बारिश का पानी रिसना आदि के कारण लगातार भूमि जलस्तर घट रहा है।
प्राकृतिक जल संसाधनों में जल के स्तर को बारिश के पानी का संग्रहण बनाये रखता है।
ये सड़कों पर बाढ़ का खतरा और मिट्टी के घिसावट के खतरे को कम करता है साथ ही जल की गुणवत्ता को सुधारता है।
बारिश के पानी के संग्रहण की मुख्य तकनीक निम्न है:
भविष्य में उपयोग के लिये सतह के जल को इकट्ठा करना।
भूमि जल का पुनर्भरण करना।
सतह से बारिश के पानी को इकट्ठा करना बहुत ही असरदार और पारंपरिक तकनीक है। इसे छोटे तालाबों, भूमिगत टैंकों, डैम, बांध आदि के इस्तेमाल से किया जा सकता है। हालांकि, भूमिजल का पुनर्भरण तकनीक संग्रहण का एक नया तरीका है। इसे कुआँ खोद कर, गड्ढा, खाई, हैंड पम्प, कुओं को पुन: चार्ज करके किया जा सकता है।
व्यक्तिगत या शहर के स्तर पर बारिश के पानी का संचय से निम्न लाभ इस प्रकार हैं:
ये पानी की आपूर्ति बिल खासतौर से संस्थानों के बिलों में कमी लाता है ।
फ्लोराईड, नाइट्रेट्स और इसकी लवणता को कम करने के द्वारा जमीन के पानी की गुणवत्ता को सकारात्मक रुप से प्रभावित करके बारिश का पानी जमीन में दुबारा चार्ज हो जाता है।
इसके पास लगभग निष्पक्ष pH और शून्य कठोरता होती है जो इसे घरों, उद्योगों, संस्थानों और दूसरे वाणिज्यिक अधिष्ठानों में अधिक इस्तेमाल करने के लायक बनाता है।
ये सार्वजनिक जल आपूर्ति स्रोतों की चिंता को कम कर सकता है।
जमीन से बारिश के पानी के पुनर्भरण से तटीय क्षेत्रों में ताजे पानी के स्रोतों में सागरीय जल निमज्जन से बचाता है।
शहरी बाढ़ नियंत्रण में ये मदद करता है अगर लोग छतों से बारिश के पानी को इकट्ठा करते हैं।
ये नगरपालिका से लोगों की जल की मांग को घटाएगा जिससे पूरे शहर में जल वितरण में भी कम ऊर्जा खर्च होगी।
Answer:
Explanation:
वर्षा जल संचयन का अर्थ है वर्षा जल को प्राकृतिक जलाशयों या मानव निर्मित टैंकों में एकत्रित करना। यह भविष्य में विभिन्न उद्देश्यों के लिए वर्षा जल को इकट्ठा करने और संग्रहीत करने की तकनीक है। वर्षा जल संचयन का सबसे आम और आसान तरीका छत की कटाई है।
इस तकनीक का उपयोग करके हम बरसात के मौसम में बहुत से स्वच्छ वर्षा जल एकत्र कर सकते हैं। इसे घरेलू प्रयोजनों जैसे बागवानी, पशुधन और सिंचाई आदि के लिए लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है, वर्षा जल संचयन के लाभ निम्नलिखित हैं:
यह जल आपूर्ति भार और नगरपालिका के बिजली के बिलों को कम करने में मदद करता है, ग्रामीण इलाकों में मुफ्त
पानी की आपूर्ति, फसल उत्पादन में सुधार करता है और इस तरह खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा मिलता है।
वर्षा जल संचयन प्रणाली ग्रामीण क्षेत्रों में घरों या व्यक्तियों की असुरक्षा को कम करने में मदद करती है।
यह जल क्षेत्रों की कमी में आसान और कम लागत वाली जल आपूर्ति प्रदान करता है जिससे खाद्य सुरक्षा और आय सृजन में मदद मिलती है।
तमिलनाडु भारत के राज्यों में से एक है और अब यह पहला भारतीय राज्य है जहाँ वर्षा जल संचयन अनिवार्य किया गया है।
तमिलनाडु राज्य सरकार ने चेन्नई में विभिन्न स्थानों पर लगभग 50,000 वर्षा जल संचयन संरचनाओं को स्थापित करने के लिए 30 मई 2014 को घोषित किया है। अब तक, तमिलनाडु के लगभग 4,000 मंदिरों में बारिश के पानी के टैंक हैं जो मंदिरों में विभिन्न अनुष्ठानों में सेवा करते हैं और भूजल को रिचार्ज करने में मदद करते हैं।
pl mark me as the brainliest