वर्षा के समय प्रकृति शोला बढ़ जाती है। कैसे
Answers
Answered by
2
Answer:
प्रकृति के साथ जियें, अनुपम उल्लास एवं दिव्य शिक्षण का लाभ उठायें
हमारी पुण्य परम्परा
भारत के ऋषि- मनीषियों ने प्रकृति को चेतन सत्ता मानकर उसके साथ तालमेल बिठाते हुए जीवनयापन करने के सिद्धान्त को बल दिया है। प्रकृति के साथ सद्भावपूर्ण सद्व्यवहार की पुण्य परम्परा के नाते प्रकृति हमारे लिए माँ की तरह पोषण की व्यवस्था तो बनाती ही रही, जीवन सूत्रों की दिव्य प्रेरणा भी प्रदान करती रही। इसी कारण भारत देश ज्ञान- विज्ञान की दृष्टि से विश्वगुरु और संसाधनों की दृष्टि से सोने की चिड़िया कहा जाता था। प्रकृति की विभिन्न ऋतुएँ विभिन्न सूक्ष्म प्रवाहों और स्थूल संसाधनों को लेकर आती हैं। उन्हें समझकर उनके अनुकूल व्यवस्थाएँ बनाकर हम प्रकृति के अनुदानों का श्रेष्ठ उपयोग करके श्री, समृद्धि एवं संतोष के अधिकारी बन सके।
Similar questions
Math,
4 months ago
Geography,
9 months ago
Social Sciences,
9 months ago
Physics,
1 year ago
Math,
1 year ago