Hindi, asked by lakshmigandham789, 10 months ago

वर्षा के समय विकता में सपने जगते है
अपना खप्न सपना​

Answers

Answered by geetadahiya307
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Answer:

झम झम झम झम मेघ बरसते हैं सावन के

छम छम छम गिरतीं बूँदें तरुओं से छन के।

चम चम बिजली चमक रही रे उर में घन के,

थम थम दिन के तम में सपने जगते मन के।

ऐसे पागल बादल बरसे नहीं धरा पर,

जल फुहार बौछारें धारें गिरतीं झर झर।

आँधी हर हर करती, दल मर्मर तरु चर् चर्

दिन रजनी औ पाख बिना तारे शशि दिनकर।

पंखों से रे, फैले फैले ताड़ों के दल,

लंबी लंबी अंगुलियाँ हैं चौड़े करतल।

तड़ तड़ पड़ती धार वारि की उन पर चंचल

टप टप झरतीं कर मुख से जल बूँदें झलमल।

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