वर्षा न होने
किसानों की बातचीत संवाद रूप में
निावए ।
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खरीफ में धान की खेती केवल बारिश पर ही निर्भर करती है। सिंचाई के साधन होने केे बावजूद जब तक बारिश की बूंदें फसलों पर नहीं पड़ती हैं, तब तक उनका उत्पादन अच्छा नहीं होता है। यह प्राकृतिक स्थिति है।
इस बार बारिश के मौसम में आसमान से आग बरस रही है। जिले में सूखे जैसे हालात बन जाने से बारिश न होने को लेकर किसानों में हाहाकार मचा है। खरीफ में फसलों के लिए जो वर्षा विज्ञान की गणनाएं हैं, उसमें मघा नक्षत्र का विशेष महत्व है।
कहावत है कि मघा न बरसा भरै न खेत, माता न परसे भरै न पेट। घाघ की ये कहावत सटीक है। कहा जाता है कि मघा नक्षत्र यदि बरस जाए तो धान की पैदावार दोगुनी होती है। लेकिन इस बार मघा नक्षत्र दगा दे गया। 16 से 29 अगस्त के मध्य मघा नक्षत्र बीत गया, लेकिन बारिश नहीं हुई।
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