वर्षा ऋतु में प्रक्रती मे आए निखार
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please mark ans said thanks to me..
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जिस तरह वसंत ऋतु के बाद ग्रीष्म ऋतु आती है, उसी तरह ग्रीष्म ऋतु के बाद वर्षा ऋतु आती है। फिर शीत ऋतु आती है। प्रकृति (कुदरत) कभी किसी एक जगह स्थिर नहीं रहती है। यह हमेशा बदलती रहती है। वर्षा ऋतु समय को भी प्रदर्शित करती है। जिस तरह समय हमेशा बदलता रहता है उस तरह मौसम और ऋतुये भी हमेशा बदलती रहती हैं।
वर्षा ऋतु सुख-दुख के चक्र को दर्शाती है
जिस तरह जीवन में सुख और दुख का चक्र निरंतर चलता रहता है, उसी तरह प्रकृति भी मनुष्य को भिन्न-भिन्न रूपों में सुख और दुख का एहसास कराती रहती है। ग्रीष्म ऋतु आने पर सभी जगह पानी की कमी हो जाती है। गर्मी बढ़ने से लोगों को कहीं भी चैन नहीं मिलता है। वह हमेशा परेशान दिखते हैं। सब लोग बार बार यही कहते हैं कि “गर्मी बहुत है” मनुष्य के साथ पशु पक्षी, गाय, भैंस, बकरियां और दूसरे जीव भी बेहाल हो जाते हैं।