वर्षा ऋतु पर निर्बध लिखो। 5 sentence
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हमारे देश में प्रत्येक ऋतु का अपना -अपना महत्व है। भीषण गर्मी के चलते तापमान बढने लगता है धरती पर रहने वाला हर प्राणी इस भीषण गर्मी से व्याकुल हो जाता है।
तभी वर्ष का मौसम इस तपती गर्मी से राहत दिलाता है वर्षा की बूंदे धरती के बढ़े हुए तापमान को मानो अपने अंदर समा लेती हैं।
गरजते हुए मेघ , कडकडाती हुई आसमानी बिजली और घनी काली घटाएं जब अपने पूरे शबाब पर होती है तभी आगमान होता है वर्षा ऋतु का। छम -छम करता हुआ पानी देख सबके चेहरे पर रौनक आ जाती है। सभी ख़ुशी में झूमने लगते हैं।
इस मौसम का सभी लुतुफ़ उठाते हैं और वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) सबको अच्छी लगती है। बारिश की बूंदों से टकराती हुई ठंडी हवा मानों जन्नत का एहसास दिलाती है चारों तरफ हरियाली छाने लगती है बारिश की बूंदों से पेड़ -पौधे सभी अपनी प्यास बुझा लेते है। इस मौसम में धरती मोहक रूप धारण कर लेती है इस ऋतु में मोर नाचने लगते हैं। किसान ख़ुशी में झुमने लगते हैं।
वर्षा बंद होने पर आसमान पर रंग-विरंगे रंगों की एक छड़ी सी बन जाती है जिसे इन्द्रधनुष कहा जाता है सावन के महीने में ज्यादा बारिश होती है सावन मॉस को उत्सव की तरह मनाया जाता है।
परन्तु ज्यादा बारिश होने पर नदी -नाले , झीलें , तालाब आदि भर जाते हैं चारों तरफ जल ही जल दिखाई देने लगता है बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है जन जीवन खतरे में पड़ जाता है सड़कें टूट जाती हैं परन्तु वर्षा ना होने पर सूखा पड़ जाता है प्यास के मारे कई पशु -पक्षी मरने लगते हैं फसलें सूख जाती हैं इसीलिए वर्षा का अधिक जा कम होना दोनों ही नुकसानदायक हैं।
इन दोषों के चलते हुए भी वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) का अपना अलग ही महत्व हैं सभी को इसके आने का बेस्वरी से इंतज़ार रहता है।