वर्तमान काल को ववज्ञापन का युग माना जाता है। समाचार – पत्रों के अतर्ररक्र् रेडियो
और टेलीववजन भी विज्ञापन के सफल साधन है। विज्ञापन का मूल उद्देश्य उत्पादक और
उपभोक्ता में सीधा संपर्क स्थावपित करना होता है। जितना अधिक विज्ञापन किसी पदार्थ
का होगा, उतनी ही उसकी लोकप्रियता बढ़ेगी। इन विज्ञापनों पर धन तो अधिक व्यय होता
है।परंतु इसमें बिक्री बढ़ जाती है। ग्राहक जब इन आकर्षत विज्ञापनों को देखता है, तो वह
उस वस्र्ु– ववशर्े के ितर् आकृष्ट होकर उस वस्र्ुको खरीदने के ललए बाध्य हो जार्ा
है।
क) वर्मत ान युग में ववज्ञापन के कौन – कौन से र्ीन साधन है?
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ख) उत्पादक ववज्ञापनों पर धन व्यय क्यों करर्ा है?
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ग) ववज्ञापनों का ग्राहक के ऊपर क्या िभाव पड़र्ा है?
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घ) ‘बाध्य’ का क्या अथत है?
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ङ) ‘ववज्ञापन’ शब्द में उपसगत क्या है?
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च) िस्र्ुर् गदयांश के ललए एक उधचर् शीर्कत दीजजए।
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तुम किस कक्षा में हो। यह तो हमारे में एग्जाम में आया था तुम लगता है पांचवी में हो हम भी पांच में हैं अच्छा है तो तू अभी तक क्या नहीं लिखी।
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