History, asked by komaldawalkar, 5 months ago

वर्तमान काळातील सौर ऊर्जा संकट give me answer a big paragraph​

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Answered by sharmakiransh
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Answer:

ऊर्जा किसी भी देश के लिए विकास का इंजन होती है. किसी देश में प्रति व्यक्ति ऊर्जा की खपत कितनी होती है, यह वहां के जीवन स्तर का सूचक होता है. इस दृष्टि से भी दुनियां के देशों में भारत काफी नीचे है. देश की आबादी बढ़ रही है. बढ़ती आबादी के उपयोग के लिए हमारी आवश्यकताएं भी बढ़ रही हैं. इसके लिए द्रुतगाति से देश के औद्योगीकरण और कृषि के विकास की आवश्यकता है. औद्योगीकरण, परिवहन इत्यादि के लिए ऊर्जा की आवश्यकता है. दुर्भाग्यवश खनिज तेल पेट्रोलियम और गैस के हमारे प्राकृतिक संसाधन बहुत ही सीमित हैं. हमें बहुत सा पेट्रोलियम उत्पाद आयात करना पड़ता है. हमारी विद्युत की मांग भी उपलब्धता से कहीं ज़्यादा है. आवश्यकता के अनुरुप विद्युत का उत्पादन नहीं हो पा रहा है. बरसात कम होने की वज़ह से बड़े बड़े जलाशय और नदियाँ सूखती जा रही हैं. हमारे यहाँ उपलब्ध कोयला भी गुणवत्ता की दृष्टि से उत्तम नहीं है. इसका उत्खनन भी आवश्यकता के अनुरूप नहीं हो पा रहा है. जल विद्युत और थर्मल पावर प्लांटस की उत्पादन क्षमता पर विपरीत असर पड़ रहा है. देश एक भीषण ऊर्जा संकट से गुज़र रहा है. ऊर्जा की कमी देश के विकास और अवरुद्ध कर रही है. आइए कुछ विकल्पों पर विचार करें. नाभिकीय या न्यूक्लियर ऊर्जा: radio active पदार्थ के नाभिकीय विखंडन से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा आने वाले काफ़ी समय तक हमारी ऊर्जा की आवश्यकताओं की आपूर्ति कर सकते है. इसकी तकनीकी हमारे यहां उपलब्ध है. लेकिन समस्या यहां भी वही आती है. इसमें ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम की प्राकृतिक उपलब्धता बहुत सीमित है. बाहर से यूरेनियम मिलने में दिक्कत थी. अमेरिका के साथ न्यूक्लियर समझौता होने से इस समस्या का समाधान निकट है. फिर भी यूरेनियम की आपूर्ति के लिए हमें विदेशों से आयात पर निर्भर रहना होगा. ऊर्जा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता अति आवश्यक है. अन्यथा बाहरी देश अपनी बात मनवाने के लिए कभी भी यूरेनियम की आपूर्ति बंद कर सकते हैं. यूरेनियम का विकल्प थोरियम हमारे यहाँ प्रचुर मात्रा में मौजूद है. लेकिन इसको उपयोग में लाने के लिए संबंधित Fast Bree der Reactor तकनीकी अभी हमारे यहां पूरी तरह विकसित नहीं हो पाई है. आशा है हमारे वैज्ञानिक इस कार्य को जल्दी ही पूरा करेंगे. तब हमारी विदेशों पर निर्भरता क़म होगी और हमारी ऊर्जा की समस्या का समाधान भी हो सकेगा. इसके अतिरिक्त और भी काई विकल्प मौजूद हैं, यद्यपि इनकी उपयोगिता सीमित है. पवन चक्की ( Wind Mill ) से विद्युत उत्पन्न क़ी जा रही है. समुद्र के ज्वार भाटा से भी विद्युत पैदा करने क़ी संभावनाएँ हैं. भू-तापीय उर्जा ( Geotherma l energy ) से भी विद्युत उत्पादन संभव है. सौर ऊर्जा ( Solar Energy ) : -- सूर्य से प्राप्त होने वाली ऊर्जा हमारे लिए एक आकर्षक विकल्प है. सूर्य एक कभी न समाप्त होने वाला ऊर्जा का स्रोत है. सौर ऊर्जा प्रदूषण रहित, निर्बाध गति से मिलने वाली और साल के बारहों मास मिलने वाली ऊर्जा का स्रोत है. यह मुफ़्त उपलब्ध है. इसके लिए सूर्य कोई कीमत नहीं वसूल करता है. इसको ' फोतोवॉलटाइक सेल ' द्वारा विद्युत में परिवर्तित करने क़ी तकनीकी अब हमारे देश में भी उपलब्ध है. अभी यह तकनीकी जल विद्युत और थर्मल ऊर्जा से कुछ महंगी ज़रूर है, लेकिन औद्योगिक स्तर पर उत्पादन होने पर कीमत क़म हो जाएगी. अनुसंधान के द्वारा ' फोतोवॉल्टाइक सेल ' क़ी कार्य क्षमता भी बढ़ायी जा सकती है. सौर ऊर्जा बहुत हद तक हमारी घरेलू और कृषि क़ी आवश्यकताओं क़ी आपूर्ति कर सकती है. संबंधित तकनीकी जैसे ' (Fast Breeder Reactor ) और सौर ऊर्जा विकसित करके हमें अपने संसाधनों का उपयोग करना चाहिए. ऊर्जा एक ऐसा क्षेत्र है , जिसमें दूसरों पर निर्भर नहीं रहा जा सकता. हमें अपनी तकनीकी और अपने संसाधनों का उपयोग कर आत्मनिर्भरता हासिल करना होगा. हमारी तकनीकी हमारी आवश्यकताओं और संसाधनों के अनुरुप होनी चाहिए.

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