Hindi, asked by ayushbhardwajoffical, 8 months ago

वर्तमान को देख - समझ कर ही भववष्य का अनमु ान लगाया जा सकर्ा है I जजस वक्षृ को सघन , छायादार और ववशाल बनना होर्ा है , उसके पार् आरम्भ से ही घने , कोमल और चिकने रहा करर्े हैं I एक और कहावर् भी काफी प्रससद्ध है कक 'होनहार बबरवान के होर् चिकने पार्' I
वर्मत ान में िल रही भारर् की प्रगतर् एवं ववकास को देख कर इस बार् का सहज अनमु ान लगाया जा सकर्ा है I ववश्व में अनेक देशों , वहां के भववष्यवक्र्ाओं ने इस प्रकार के अर्ातर् भारर् के भववष्य के बारे में कई र्रह की घोषणाएं भी कर रखी हैं एवं समय समय पर करर्े रहे हैंकक इक्कसवीं सदी में भारर् ववश्व की एक ववशाल एवं महान शजक्र् होगा
वह हर स्र्र पर हर प्रकार से उन्नर् एवं समद्ृ ध होगा I आज यद्यवप अनेक प्रकार की अराजकर्ाओं , भ्रष्टािार एवं बरुाइयों से भारर् ग्रस्र् है कफर भी यह नहीं कहा जा सकर्ा कक स्वर्न्रर्ा प्राजतर् के बाद भारर् ने कुछ प्रगतर् नहीं की है I तनजश्िर् रूप से प्रगतर् की है और काफी र्ीव्र गतर् से यह देश आगे एवं तनरंर्र बढ़ रहा है I भारर् को कई प्रकार से बरुी एवं नीिा ददखाने वाली आलोिनाएं एवं प्रत्यालोिना होर्ी रहने पर भी उसकी बार् को महत्व ददया जार्ा है , बड़े ध्यान से सनु ा ओर गनु ा जार्ा है I यह इस बार् का प्रमाण है कक भारर् प्रगतर् एवं ववकास की राह पर तनरंर्र गतर्शील है I इससे ही उसका सहज अनमु ान लगाया जा सकर्ा है कक इक्कीसवीं सदी में भारर् ववश्व शजक्र् होगा I
I. ोन ार बबरवान के ोत धचकने पात - पंजक्त का आशय स्पष्ट कीजिये I (2) II. भववष्यवक्ताओं ने भारत के बारे में क्या भववष्यवाणी की ै ? और क्यों? (2) III. भारत ककन नीनतयों पर आगे बढ़ र ा ै ? (2) IV. भारत की प्रगनत और उसके स्वामभमानी ोने का क्या प्रमाण ै ? (2) V. मारे देश मेंप्रगनत की सबसे बड़ी बािाएँकौन सी ै? और उन् ेंकैसे दरू ककया िा सकता ै? (1)

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Answered by suraj1706
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Answer:

sorry

Explanation:

iam not in mood to write answer for u

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