वर्तमान को दे-समझकर ही भविष्य का अनुमान लगाया
जा सपना है जिसू वक्षक संघनायादार और विशाल
चिकने रहा करते हैं। एक ओर कडूपवत भी काफी प्रसिद्वे
बनना होता है उसके पात आरंभ से ही धने, कोमल और
है कि होनहार विश्वान के होत चीकने पातू
वर्तमान मेचल रेखी भारत की प्रति स्व विकासको देखकर
इस बात का सहज अमान लगाया जा सकता है, विश्व मे
अनेक देशो वहीं के भविष्यवक्ताओं ने इस प्रकार के अर्थत
भारत के भविष्य के बारे में कई तरह की घोषणाएँ कर रखी है।
क उपयुक्त गधोश का शिर्षक बताइए
व वृक्ष कैसा बन्ना है।
ग किसे देखकर भविष्य का अनुमान लगा सकते है
ध भारत के भविष्य के बोर क्या घोषणाएँ हुई है।
होनहार विश्वान के होत चौकने पातलाकात का आशय
स्पष्ट कर
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ha wartman me de samzkar hi apni
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