वर्तमान का दशानन यति भष्ट्राचार दशहरे पर करे हम इसका संहार
एकअनुच्छेद
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जेएनएन, बिजनौर। दशहरा आने में मात्र दो दिन शेष हैं। पिछले साल कोरोना संक्रमण के चलते रामलीला मंचन सूक्ष्म रहा। इस बार केवल रावण के पुतले का दहन होगा।
जिला मुख्यालय पर दिन में स्थानीय कलाकार रामलीला करते हैं तो रात के समय रामलीला के रंगमंच पर बाहर से आई ड्रामा पार्टी रामलीला का मंचन करती है। कोरोना संक्रमण को देखते हुए पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष भी दिन में रामलीला का मंचन नहीं किया जा रहा है। अलबत्ता दशहरा के दिन रामलीला मैदान में दिन की रामलीला भी होगी। साथ ही रावण दहन भी होगा, लेकिन इस वर्ष मेघनाद व कुंभकरण के पुतलों का दहन नहीं होगा।
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दशहरा निबंध- दशहरा या विजयदशमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार भारतीय संस्कृति के वीरता का पूजक, शौर्य का उपासक है। आश्विन शुक्ल दशमी को मनाया जाने वाला दशहरा यानी आयुध-पूजा हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है।