वर्तमान
में आप किन उपायों द्वारा प्राकृतिक आनंद प्राप्त कर सकते हैं?
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आधुनिक जीवन शैली ने प्रकृति को सबसे अधिक प्रभावित किया है। लोग अपने स्वार्थ के लिए अधाधुध वृक्षों को काटते जा रहे हैं, प्रकृति मानव को सहचरी है जो हर कदम पर मानव की सहायता के लिए खड़ी रहती यह जानते हुए भी वे इस बात से अनजान बने से प्रतीत होते हैं। मनुष्य का संपूर्ण जीवन प्रकृति प्रदत्त वस्तुओं पर ही निर्भर है परंतु फिर भी मनुष्य पेड़-पौधों की महत्ता को न समझते हुए उन्हें नित्य नुकसान पहुँचा रहा है। वर्तमान समय अर्थात् आधुनिक जीवन शैली में भी हम प्रकृति का आनंद उठा सकते हैं, इसके लिए आवश्यक है वृक्षारोपण, पुराने वृक्षों की सुरक्षा, वृक्षों को काटने से रोकना अर्थात् संपूर्ण रूप में हम कह सकते हैं कि वन संरक्षित कर हम वर्तमान में भी प्रकृति का भरपूर आनंद उठा सकते हैं।
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आज की शहरी कार्यशैली में पीठदर्द, मोटापा, अधकपारी, तनाव, अवसाद आदि बीमारियां तेजी से घर करती जा रही हैं। लगातार ऐसे युवाओं की तादाद बढ़ रही है जो इस तरह की बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं। इसके पीछे अगर कुछ है तो वह है युवाओं के काम करने, रहने और खाने-पीने का तरीका। यानी जिस तरह से आधुनिकता ने हमारी जीवन शैली को बदलकर रख दिया है, उसका सीधा असर स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। बहुराष्ट्रीय कंपनियों और कार्य के आधुनिकीकरण ने दिन और रात के भेद को खत्म कर दिया है। कार्यशैली में बदलाव आया है तो भागदौड बढ़ी है और इसके साथ ही बढ़ी है आगे निकलने की होड़ भी। अब सभी को और सब कुछ बहुत जल्द चाहिए और उसके लिए युवा सब कुछ करने को तैयार हैं।
काल सेंटर और इंटरनेट के बाद सोशल मीडिया ने भी जीवन शैली को बदलकर रख दिया है। अब देर रात जागना, सुबह देर से उठना और इसके बाद काम पर चले जाना ही जीवन हो गया। ऐसे युवा जो काम पर नहीं जाते, उनका जीवन भी कमोबेश ऐसा ही है, क्योंकि वे भी जहां पढ़ाई कर रहे हैं या फिर जिस तरह के करिअॅर की तलाश में हैं, वहां भी इसी तरह की मारामारी है। ऐसे में खान-पान का प्रभावित होना लाजिमी है, आज का युवा ज्यादातर फास्टफूड, डिब्बाबंद या फिर होटल के खानों पर आश्रित हो गया है। आजकल हर चौराहे पर चाइनीज, तले फूड स्टालों के आगे युवाओं की भीड़ लगी रहती है। इस तरह का खाना न केवल पोषणविहीन होता है बल्कि गंदगी के कारण कई तरह की बीमारियों का घर भी होता है। इससे न केवल वजन बढ़ता है बल्कि मोटापा आता है, जो अपने आप में कई तरह की बीमारियों का कारण है। यह रोग के मायने में कुपोषण से भी ज्यादा खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि मोटापे की वजह से हृदयाघात, मधुमेह, घुटने और कमर के दर्द, उच्च रक्तचाप की संभावना बढ़ जाती है।