Hindi, asked by zarahasan744, 3 months ago

वर्तमान में कोरोना वायरस महामारी के समय डॉक्टरों के प्रति अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए अपने मित्र को

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Answered by tanishanagar977
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भागती-दौड़ती ज़िंदगी में अचानक लगे इस ब्रेक और कोरोना वायरस के डर ने लोगों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया है.

इस बीच चिंता, डर, अकेलेपन और अनिश्चितता का माहौल बन गया है और लोग दिन-रात इससे जूझ रहे हैं.

Answered by lakshaysoni01279473
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Answer:

अपने पिता जी को पत्र लिखकर बताइए कि ग्रीष्मावकाश में आपने क्या-क्या कार्यक्रम बनाया है?

उत्तर:

परीक्षा भवन

नई दिल्ली

02 मई, 20XX

पूज्य पिता जी

सादर चरण स्पर्श।

आपका भेजा हुआ पत्र मिला। पत्र पढ़कर सब हाल-चाल मालूम किया। आप सभी की कुशलता जानकर खुशी हुई। मैं भी यहाँ स्वस्थ एवं प्रसन्न हूँ। पत्र में आपने ग्रीष्मावकाश कार्यक्रम के बारे में पूछा था, मैं उसी के बारे में लिख रहा हूँ।

पिता जी! इस बार ग्रीष्मावकाश में मैंने कुछ नया करने का मन बनाया है। हमारे विद्यालय से कुछ दूरी पर मज़दूरों की जो अस्थायी बस्ती है, मैं अपने मित्र के साथ सवेरे नियमित रूप से जाऊँगा और मज़दूरों के बच्चों को प्रतिदिन पढ़ाऊँगा। इसके लिए पिछले रविवार को मेरे मित्र ने वहाँ जगह देख ली है और मज़दूरों से बातचीत कर ली है। हमारी योजना जानकर वे बड़े खुश हुए। अब मैं अपने प्रधानाचार्य से प्रार्थना करूँगा कि वे पुस्तकालय से कुछ पुस्तकें तथा कापियाँ देने की कृपा करें। रबड़ और पेंसिल का प्रबंध हम दोनों अपनी जेब खर्च के बचाए पैसों से कर लेंगे। हमारा प्रयास होगा कि हम उन बच्चों में शिक्षा के प्रति रुचि उत्पन्न कर उन्हें पढ़ना-लिखना सिखा सकें। इसके लिए आपकी प्रेरणा और उत्साहवर्धन ज़रूरी है।

पूजनीय माता जी को चरण स्पर्श तथा संचिता को स्नेह। शेष सब ठीक है।

पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में

आपका प्रिय पुत्र

लक्ष्य

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