वर्तमान निबंध ऑन दिवाली 250 words
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दिवाली या दीपावली जिसे हम अपने देश का सबसे बड़ा त्यौहार मानते हैं। इस ख़ुशी का माहौल होता है लोग रंग-बिरंगी लाइटों से अपने-अपने घरों को सजाते हैं, बच्चे-युवा लोग मिल कर घरों के बाहर पटाखे छुड़ाते हैं। दिवाली का त्यौहार अपितु अपने देश में ही नहीं बल्कि भारत के बाहर रहने वाले भारतीय और अन्य लोगों के द्वारा भी बहुत धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली के मौके पर स्कूलों-कॉलेजों ने अवकाश रहता है। इस दौरान छात्रों को दीपावली के उपलक्ष्य में निबन्ध लिखने को दिया जाता है। अतः बहुत छात्र-छात्राएं इंटरनेट पर दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं। अपने हम ऐसे ही पाठकों के लिए यह आर्टिकल के कर आये हैं जहाँ आप दिवाली के बारे में पूरी जानकारी पा सकते हैं। जैसे कि दिवाली का त्यौहार कैसा होता है, दिवाली का महत्व क्या है, दीपावली क्यों मनाते है, दीपावली मनाने का कारण क्या है, दीपावली का अर्थ क्या है, दिवाली पर निबंध शार्ट में या 10 लाइन में आदि। स्कूलों के अलावा भी अन्य बहुत से क्षेत्रों के लोग भी दिवाली पर निबंध हिंदी में खोजते हैं अतः इसके बारे में और अधिक विस्तृत जानकारी के लिए यह अर्टिकल पूरा पढ़ें।
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दिवाली
प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है|
दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा
दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।
दीपावली कब मनाई जाती है
उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।
दीपावली का महत्व
दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।
निष्कर्ष
दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।