वर्तमान समय को ध्यान में रखते हुए पर्यावरण संरक्षण विषय पर एक प्रेरकों विज्ञापन दीजिए
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पर्यावरण शब्द 'परि +आवरण' के संयोग से बना है। 'परि' का आशय चारों ओर तथा 'आवरण' का आशय परिवेश है। दूसरे शब्दों में कहें तो पर्यावरण अर्थात वनस्पतियों ,प्राणियों,और मानव जाति सहित सभी सजीवों और उनके साथ संबंधित भौतिक परिसर को पर्यावरण कहतें हैं वास्तव में पर्यावरण में वायु ,जल ,भूमि ,पेड़-पौधे, जीव-जन्तु , मानव और उसकी विविध गतिविधियों के परिणाम आदि सभी का समावेश होता हैं।
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प्राकृतिक संसाधनों के उत्कृष्ठ परिस्थितिकीय संतुलन को अगली पीढ़ी के लिए संरक्षित रखते हुए भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण तथा निरंतर विकास एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र के स्थानीय लोगों तथा उनके समक्ष उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों में बहुमुखी संबंध है। आम तौर पर ये लोग ईश्वर के द्वारा दी गई प्राकृतिक संसाधनों तथा विशेष रूप से वनों पर अपनी आजीविका तथा निवास के लिए आश्रित हैं। वनों तथा अन्य दूसरे प्राकृतिक संसाधनों का विनाश कर गैर योजनाबद्ध तरीके से विकास कार्य करना इनके अस्तित्व के लिए खतरा बन सकता है। इस अद्वितीय तथा अनमोल प्राकृतिक पर्यावरण एवं उत्कृष्ठ परिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखने के लिए पूर्वोत्तर क्षेत्र के विशाल संसाधनों तथा विद्युत शक्यता का विकास योजनाबद्ध तथा निरंतर तरीके से करने पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
पर्यावरण तथा परिस्थितिकी पर पड़ने वाले प्रभावों पर नीपको उचित ध्यान देता है तथा अपनी परियोजनाओं के क्रियान्वयन तथा संचालन व रखरखाव के दौरान पर्यावरण तथा परिस्थितिकी पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को न्यूनतम करने के लिए पर्याप्त उपाय करता है। पर्यावरण तथा परिस्थितिकी सुरक्षा से संबंधित नियमों को कार्यान्वित करने तथा उससे बंधे रहने पर सर्वोच्च ध्यान देता है।
विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक केंद्रीय क्षेत्र का सार्वजनिक उद्यम होने के नाते एमओई एण्ड एफ, भारत सरकार के सभी नीतियों तथा दिशानिर्देशों का नीपको सख्ती से पालन करता है, जिससे कि पूर्वोत्तर की विशेष पर्यावरणीय परिस्थिति पर विशेष ध्यान रखते हुए विद्युत परियोजनाओं से पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभावों की पहचान कर उसे कम किया जा सके। निरंतर विकास के अपने लक्ष्य की प्राप्ति हेतु प्रत्येक परियोजना का पर्यावरण प्रभाव अध्ययन (ईआईए) किया गया। इसकी रिपोर्ट पर ध्यान दिया गया तथा पर्यावरण व वन मंत्रालय (एमओई एण्ड एफ), भारत सरकार से परियोजना के लिए प्राप्त की जाने वाली पर्यावरण स्वीकृति के लिए पर्यावरण प्रभाव अध्ययन व पर्यावरण प्रबंधन योजना रिपोर्टों का उचित रूप में उल्लेख किया जाता है।