Hindi, asked by Anonymous, 4 months ago

वर्तमान समय में समाज का झुकाव भौतिक सौंदर्य के प्रति बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में अध्यात्म के जरिए आंतरिक सौंदर्य की ओर उन्मुक्त होना (लौटना) आपकी समझ में कितना महत्व रखता है ? तर्क देकर चार बिंदु में अपना उत्तर लिखिए ।


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Answered by shishir303
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¿ वर्तमान समय में समाज का झुकाव भौतिक सौंदर्य के प्रति बढ़ता जा रहा है। इन परिस्थितियों में अध्यात्म के जरिए आंतरिक सौंदर्य की ओर उन्मुक्त होना (लौटना) आपकी समझ में कितना महत्व रखता है ? तर्क देकर चार बिंदु में अपना उत्तर लिखिए।

 

➲ वर्तमान समय में समाज का जो झुकाव भौतिक सौंदर्य के प्रति बढ़ता जा रहा है, इन परिस्थितियों में अध्यात्म के जरिए आंतरिक सौंदर्य की ओर लौटा जा सकता है, यह हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। अध्यात्म हमारे अंदर के सौंदर्य को निखारता है, हमें अपने आत्मज्ञान, आत्म चिंतन का अवसर देता है। इसलिए अध्यात्मिक के जरिए हम अपने आंतरिक सौंदर्य को निखार सकते हैं अंतरिक आंतरिक सौंदर्य का मतलब विचारों की शुद्धता और आंतरिक गुणों का विकास है, इसके महत्व के 4 बिंदु इस प्रकार हैं...

  • अध्यात्म के द्वारा हमारे हम अपने मन पर नियंत्रण स्थापित कर सकते हैं. जिससे हमारी इच्छाओं में कमी आएगी और इच्छाओं में कमी आने पर हमारे जीवन में तनाव कम होगा, जिससे हमारा बाहरी सौंदर्य स्वतः ही निखरेगा।
  • आध्यात्मिक चिंतन से हमारी बुद्धि प्रखर होती है, जिससे हमारी विचार शक्ति मजबूत होगी।
  • आध्यात्मिक चिंतन से हमारा हृदय और मन निर्मल होता है और हमारे अंदर की विषय वासना शांत होती हैं। अध्यात्म की सहायता से हमारे अंदर के दूषित विचार समाप्त होते हैं और हम संसार को एक अलग नजरिए से देखने लगते हैं।
  • आध्यात्मिक चिंतन से हमें अपने अवगुणों का पता चलता है और हम अपने अवगुणों को दूर कर अपने चरित्र का विकास कर सकते हैं, जिससे हमारा बाहरी सौंदर्य स्वतः ही निखरेगा।

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