वर्तमान युग में सभी बच्चों के लिए खेलकूद और शिक्षा के अवसर प्राप्त नहीं है इस विषय पर वाद-विवाद आयोजित कीजिए
Answers
वर्तमान के युग में सभी बच्चों को खेलकुद और शिक्षा नहीं मिल पाने के विषय के ऊपर चर्चा |
Explanation:
आज के समय में सकल घरेलू उत्पाद के तुलना में हमारे देश के प्रति व्यक्ति आय में ज्यादा बढ़ोत्रि दिखाई ही नहीं दे रही हैं, जिसके कारण देश के नागरिकों को शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी मौलिक सुविधा नहीं मिल पा रही हैं | खेद की बात तो यह है की, सरकार इसके लिए ज्यादा कुछ नहीं कर रही हैं |
खैर हर बात को हम सरकार के ऊपर भी नहीं छोड़ सकते हैं | देश में ज़्यादातर लोग आर्थिक तौर पर मद्यवित्त घरों से आते हैं और यहाँ पर भी मौलिक सुविधाओं का घोर अभाव दिखाई पड़ता हैं | देश में अभी भी गरीबी मौजूद है और इसके कारण से कई सारे बच्चे न ही पढ़ने की सुविधा पाते हैं और न ही खेल-कूद में अपना कैरियर बना पाते हैं | देश के ज़्यादातर बच्चों को कु-पोषण से बौने-पन और रक्तहीनता जैसे बीमारियाँ जकड़ी हुई हैं |
तो, यहाँ पर गौरतलब बात यह हैं की आखिर कैसे हम लोग इस समस्या को दूर कर सकते हैं | मेरे हिसाब से इस समस्या का सिर्फ एक ही समाधान है और वह है हमारे सोच में परिवर्तन | ज़्यादातर आर्थिक रूप से पिछड़े हुए वर्गों के लोगों को अभी भी लगता है की, पढ़ाई करने से कुछ नहीं होगा | इसीलिए वह लोग अपने छोटे-छोटे बच्चों को बहुत छोटी सी उम्र से काम करने के लिए भेज देते हैं |
इसलिए पहले तो हमें अपने सोच और मानसिकता में बदलाव लाना पड़ेगा, तभी हमारा समाज विकसित और सौहार्दपूर्ण होगा | इसके अलावा सरकार अगर शिक्षा के गुणवत्ता को सरकारी स्कूलों में बढ़ा दे तो भारत की साक्षरता के दर में काफी ज्यादा बढ़ोत्रि देखि जा सकती हैं |
देश के कुछ-कुछ राज्यों में लड़कियों को पढ़ने के लिए नहीं दिया जाता, जिससे महिलाओं की साक्षारता दर में बढ़ोत्रि नहीं हो पा रही हैं | इसीलिए हमें देश के बेटियों को भी देश के बेटों की तरह पढ़ाना चाहिए |
और रही खेल-कूद की बात तो, विद्यालय के स्तर पर ही इसको शिक्षा प्रणाली का अभिन्न अंग बना देना चाहिए |
किसी भी बच्चे के विकास के लिए शिक्षा और पढ़ाई बहुत ही जरूरी है। जहां खेल कूद हमारे शरीर के लिए आवश्यक है वहीं पढ़ाई हमारे व्यक्तित्व के लिए जरूरी है।
लेकिन इतने बड़े देश में सभी बच्चों को पढ़ाई तथा खेलकूद के समान अवसर प्राप्त नहीं हो पाते हैं। इसका यह कारण है कि हमारा सिस्टम बहुत धीमा है।
गांव के बच्चे गरीबी के कारण शिक्षा नहीं के पाते हैं। वह कृषि तथा अन्य कामों में उलझे रहते हैं। ये बच्चे खेलकूद में अच्छे होते हैं लेकिन इसमें भी इन्हे समान अवसर नहीं मिलते हैं।
वहीं, शहर के छात्र पढ़ाई तो करते हैं लेकिन समय ना होने तथा खेलकूद की उचित व्यवस्था ना होने से यह खेलकूद में पीछे रह जाते हैं।
इन सभी चीजों पर हमें गंभीर होना होगा ताकि सभी बच्चों का समग्र विकास हो सके।