Hindi, asked by msingh6934, 1 month ago

वर दे कविति में कवि मंँ वीणावादिनी से वरदान में क्याचाहता है​

Answers

Answered by niharika0710
3

Answer:

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Explanation:

वर दे वीणा देवा धनी वर दे वीणा वादिनी वर दे, कविता में कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला माँ सरस्वती से सभी भारत के नागरिकों के लिए स्वतंत्र की भावना का अमृत मांगते हैं। वह सभी भारत वासियों के अंधकार हृदय में व्याप्त अंधकार रूपी बंधन को काटने और उसे ज्ञान से भर देने का वरदान मांगते हैं।

कवि माँ सरस्वती से कह रहे हैं कि भारत वासियों में जितने भी पाप, दोष, अज्ञान और अवगुण व्याप्त हैं, उन्हें वह दूर कर दें और उनके हृदय में ज्ञान का प्रकाश भर दें। सभी भारतवासियों को नई गति, नई लय, नई ताल, नया छंद प्रदान करें और उनके जीवन में नवीनता का संचार हो। वह अपने जीवन में नित्य प्रति उन्नति करें।

Answered by sagarkaushik9050
1

Answer:

इस कविता में कवि ज्ञान की देवी माँ सरस्वती से वरदान माँग रहा है। कवि भारत में नव अमृत मन्त्र भरने की बात कह रहा है

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