वरदान कविता का मूल भाव स्पष्ट कीजिए
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इस कविता का मूल भाव यह है कि जीवन एक संघर्ष के समान है, जिसे कवि अग्निपथ मानता है। इस मार्ग पर आत्मविश्वास के साथ मनुष्य को आगे बढ़ना है। किसी के सहारे की इच्छा नहीं करनी चाहिए।
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चोआ बोअयौ ँभौकव ऐढयडेकमीऋबयकोआत्र। ऐओर
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