वरदान नहीं मांगूंगा इस कविता में कवि ने किस की तुलना की है
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'वरदान माँगूंगा नहीं' कविता का मुख्य भाव स्पष्ट कीजिए। वरदान मॉगूंगा नहीं कविता कविवर शिवमंगल सिंह 'सुमन' की एक प्रेरणादायक कविता है। इस कविता में कवि ने स्वाभिमान-पूर्वक जीवन जीने का संदेश दिया है। इसी के साथ ही कवि ने जीवन संग्राम का सामना करने की प्रेरणा दी है।
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