Hindi, asked by singhayusmati1056, 1 year ago

Varn viched for sadak

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Answered by Darkgirl52
16
here is ur answer....☺️☺️☺️
सड़क = स्+अ+ड् +अ+क्+अ
hope it helps u....
✔️✔️✔️✔️✔️
Answered by Aloneboi26
5

Explanation:

वर्ण :

भाषा की वह छोटी से छोटी ध्वनि जिसके और छोटे खंड नहीं किए जा सकते हैं, उसे ‘वर्ण’ कहते हैं। अ, क्, प्, ट्, म्, ह आदि वर्ण हैं। वर्णों के और टुकड़े नहीं किए जा सकते हैं। ये भाषा की सबसे छोटी इकाई हैं, जो हमारे मुख से निकली हुई ध्वनियों के लिखित रूप होते हैं, इन्हें ही वर्ण कहा जाता है।

वह छोटी से छोटी ध्वनि जिसके और छोटे टुकड़े न किए जा सकें, उसे वर्ण कहते हैं। वर्ण-विच्छेद-किसी शब्द की रचना में जिन वर्णों का प्रयोग होता है, उन वर्गों को अलग-अलग करना वर्ण-विच्छेद कहलाता है; जैसे –

अनूप विद्यालय जाएगा-वाक्य के शब्दों का वर्ण-विच्छेद करें तो निम्नलिखित वर्ण मिलते हैं –

अनूप = अ + न् + ऊ + प् + अ,

विद्यालय= + व् + इ + द् + य् + आ + ल् + अ + य् + अ,

जाएगा = ज् + आ + ए + ग् + आ

वर्णमाला :

वर्णों के क्रमबद्ध समूह को ‘वर्णमाला’ कहते हैं।

हिंदी वर्णमाला में निम्नलिखित वर्ण हैं –

स्वर – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।

अयोगवाह – अं, अः

विसर्ग-अः

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण वर्ण-विच्छेद - 2

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण वर्ण-विच्छेद - 1

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण वर्ण-विच्छेद - 2(i)

अन्य वर्ण ‘ड’ और ‘ढ’- देखने में दोनों वर्ण ‘ड’ और ‘ढ’, ‘ड’ और ‘ढ’ के समान ही लगते हैं, परंतु इनके उच्चारण में पर्याप्त अंतर होता है। हाँ, एक बात अवश्व ही ध्यान रखने की है कि ‘ड’ और ‘ढ’ शब्द के प्रारंभ में नहीं आते हैं। इनसे कोई भी शब्द आरंभ नहीं होता है। ये शब्दों के बीच में या अंत में ही आते हैं। इसके विपरीत ‘ड’ और ‘ढ’ शब्द के आरंभ, मध्य या अंत में अर्थात् कहीं भी आ सकते हैं; जैसे –

बड़ा, घड़ा, घड़ियाल

डमरू, गुड्डी, हड्डी

दाढ़ी, दढ़ियल, बुढ़िया

ढक्कन, गड्ढा, बुड्ढा

संयुक्त व्यंजन – ‘क्ष’, ‘त्र’, ‘ज्ञ’ और ‘श्र’ को संयुक्त व्यंजन कहा जाता है, क्योंकि ये वर्ण एक से अधिक वर्गों के मेल से बने हैं; जैसे –

क्ष = क् + ष् + अ – क्षत्रिय, क्षमा, कक्षा, परीक्षा, तक्षक, तक्षशिला, लक्ष्मी आदि।

त्र = त् + र् +अ – त्रिशूल, त्रिफला, पत्र, त्रिनेत्र, पत्रिका, पत्रोत्तर आदि।

ज्ञ = ज् + ञ् + अ – यज्ञ, विज्ञ, विज्ञान, ज्ञान, संज्ञान, प्रतिज्ञा, अज्ञात आदि।

श्र = श् + र् + अ – श्रमजीवी, श्रमिक, श्री, आश्रय, आश्रम, विश्राम, श्रोता, श्रवण।

वर्गों के दो भेद हैं –

1. स्वर-जो वर्ण स्वतंत्र रूप से बोले जाते हैं तथा जिनके उच्चारण में हवा (वायु) बिना रुकावट के मुँह से बाहर आती है, उन्हें

स्वर कहते हैं। स्वर स्वतंत्र ध्वनियाँ हैं, जिनकी संख्या 11 है।

स्वर के भेद-उच्चारण में लगने वाले समय के आधार पर इन्हें तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है –

(अ) ह्रस्व स्वर-जिस स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है, उन्हें ‘ह्रस्व स्वर’ कहते हैं। इनकी संख्या 4 है। ये स्वर हैं – अ, इ, उ तथा ऋ।

(ब) दीर्घ स्वर-जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वरों के उच्चारण में लगने वाले समय का दुगुना समय लगता है, उन्हें ‘दीर्घ

स्वर’ कहते हैं। इनकी संख्या 7 है। ये स्वर हैं-आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ तथा औ।

(स) प्लत स्वर-जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वरों के उच्चारण में लगने वाले समय का दुगुना समय लगता है, उन्हें ‘प्लुत

स्वर’ कहते हैं। इनका प्रयोग प्रायः किसी को पुकारने के लिए किया जाता है; जैसे-ओम्।

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण वर्ण-विच्छेद - 3

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण वर्ण-विच्छेद - 4

2. व्यंजन-जिन वर्णों का उच्चारण स्वर की मदद से किया जाता है तथा जिनके उच्चारण में वायु मुँह के विभिन्न अवयवों से रगड़ खाकर निकलती है, उन्हें व्यंजन कहते हैं।

उच्चारण स्थान के आधार पर व्यंजन के तीन भेद होते हैं –

(अ) स्पर्श व्यंजन-जिन वर्णों के उच्चारण में जिह्वा (जीभ) मुख के विभिन्न भागों को स्पर्श करती हुई निकलती है, उन्हें स्पर्श व्यंजन कहते हैं। इनकी संख्या 25 है। प्रत्येक वर्ग के पहले वर्ण के नाम पर इन्हें पाँच वर्गों में बाँटा गया है –

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण वर्ण-विच्छेद - 5

(ब) अंतस्थ व्यंजन-जिन वर्णों का उच्चारण स्वर और व्यंजन वर्गों के मध्य का-सा लगता है, उन्हें अंतस्थ व्यंजन कहते हैं।

य, र्, ल् और व् अंतस्थ व्यंजन हैं। इनकी संख्या चार है।

(स) ऊष्म व्यंजन-जिन वर्गों के उच्चारण में ऊष्म (गरम) वायु मुँह से बाहर निकलती है, उन्हें ऊष्म व्यंजन कहते हैं। श,

छ, स् और ह ऊष्म व्यंजन हैं। इकी संख्या चार है।

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण वर्ण-विच्छेद - 5(i)

कुछ स्थितियों को छोड़कर पंचमाक्षर के स्थान पर इसका प्रयोग किया जाता है; जैसे-चंदन, बंदर, कंगन आदि।

CBSE Class 9 Hindi B व्याकरण वर्ण-विच्छेद - 5(ii)

जब स्वरों का उच्चारण नाक तथा मुख दोनों से एक साथ होता है; जैसे-आँख, गाँव, पाँव, ठाँव आदि।

ध्यान दें- जब शिरोरेखा के ऊपर मात्रा होती है तो इसका प्रयोग अनुस्वार जैसा ही किया जाता है; जैसे – मैं, गोंद, हैं आदि।

व्यंजन द्वित्व और संयुक्ताक्षर :

संयक्त व्यंजन- जब दो या दो से अधिक व्यंजनों का मेल होता है, तो उसे संयुक्त व्यंजन कहते हैं।

क्ष =क् + ष

त्र = त् + र

ज्ञ = ज् + ञ

श्र = श् + र ।

व्यंजन द्वित्व – जब एक व्यंजन ध्वनि अपने समान ही अन्य व्यंजन ध्वनि से जुड़ती है, तो उसे व्यंजन द्वित्व या द्वित्व व्यंजन कहते हैं; जैसे –

च् + च = च्च = बच्चा

ट् + ट = ट्ट = लटू

द् + द = द्द = कद्दू

त् + त = त्त = पत्ता

संयुक्ताक्षर बनाने के नियम –

(

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