Varno ki kahani unhi jubani
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एक गांव था जिसका नाम देवनागरी लिपि था। देवनागरी लिपि के 44 घर थे। सबसे पहले देवनागरी में दो भाई आए थे। एक का नाम स्वर था और एक का नाम व्यंजन था। स्वर के परिवार में 11 सदस्य थे। जिनके नाम हैं- अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ ।
व्यंजन का परिवार बहुत बड़ा था जिसके परिवार में 33 सदस्य थे। सबसे बड़े भाई ने क को बुलाया तो ख उसके साथ आ गया, ग ने पूछा तुम कहां जा रहे हो, घ बोला मैं भी चलूंगा, ड भी दौड़ा आया
वर्णों की कहानी
एक गाँव में हिंदी नामक गडरिया रहता था उसके पास कुल 44 वर्ण थे | वह हमेशा साथ में ही रहते थे उनमे वर्ण दो नस्ल के थे एक नस्ल थी स्वर व दूसरी व्यंजन | स्वर नस्ल के 11 वर्ण थे व अ उनमें सबसे बड़ा व समझदार था | व्यंजन नस्ल के कुल 33 वर्ण थे व भी बहुत ही मिलनसार थे व एक दूसरे की सहायता करने के लिए हमेशा अग्रसर रहते थे | इनमें क नाम का वर्ण इनका सरदार था | हिंदी इन सब के वीच ख़ुशी ख़ुशी अपना जीवन बिता रहा था | वह उनको हमेशा झुण्ड में रहने की ही सलाह देता था व यह कहता था कि आपका झुण्ड ही आपकी ताकत है | वर्णों को भी यह बात समझ आ गई थी व सुखी जीवन व्यतीत कर रहे थे |