Hindi, asked by sheru11, 1 year ago

Varsha ka ek din
(ANUCHED)
Very short .....

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Answered by Maximus
387
सर्दी, गर्मी, बसन्त, पतझड़ ऋतुओं की इस श्रृंखला में वर्षा ऋतु का एक महत्वपूर्ण स्थान है। गर्मी के उमस और गर्म दिनों के बाद सभी को बरसात की प्रतीक्षा होती है।

भारत एक कृषि प्रधान देश है। यहाँ बरसात का महत्व और भी अधिक है। गांवों की खुशहाली बरसात पर निर्भर करती है। अच्छी बरसात और अच्छी फसल होने से कृषकों के घर परिवार धन धान्य से भर जाते हैं। अच्छी वर्षा होने से नदियों में जल स्तर में वृद्धि होती है। बिजली का उत्पादन भी अधिक होता है।

पर हम बच्चों के लिये बरसात एक अलग ही महत्व रखती है। वर्षा के साथ आने वाली मस्ती हमें शरारती बना देती है। हमारे शरीर में एक नये जोशका संचार होता है। पिछले वर्ष बरसात का महीना बहुत बढ़िया निकला। उसका एक दिन तो मैं कभी नहीं भूल सकता।

मैं अपने मित्रों के साथ विद्यालय से वापस आ रहा था कि अचानक बादलों की गड़गड़ाहट, बिजली की चकाचौंध से हम सजग हो गये। सूरज छिप गया। बादल छा गये। अँधेरा होने लगा। कुछ ही क्षणों में पानी बरसने लगा। साथ ही तेज हवायें चलने लगीं। जैसे सब कुछ उड़ा कर ले जायेगी। हम सब पहले एक पेड़ के नीचे खड़े हुए, पर वहाँ भी भीग गये तो रास्ते में बड़े से घर के आंगन की छत के नीचे खड़े हो गये। हमारे अतिरिक्त वहाँ कुछ अन्य राहगीर भी बरसात से बचने के लिए खड़े थे।

कुछ ही देर में सड़कों पर पानी भर गया। आते आते वाहन पानी उड़ाते हुये तेजी से निकलने लगे। एक दो व्यक्ति के तो कपड़े भी खराब हो गये।

तेज हवा और बारिश का यह सिलसिला लगभग एक घंटा चला। फिर बूंदें कुछ हल्की पड़नी प्रारम्भ हुयीं तो सभी लोग एक एक कर बाहर निकलने लगे। सभी भीग गये थे। कपड़े, बैग, जूते सबसे पानी टपक रहा था। रास्ते में चारों ओर पेड़ पौधे और घर भीगे हुये दिख रहे थे।

घर आकर मैंने कपड़े बदल कर गर्म गर्म खाना खाया तभी आकाश में मैंने बड़ा सा रंग बिरंगा इन्द्रधनुष देखा। फिर अपने मित्र के साथ मैं सड़क पर भरे बरसात के पानी में काजग की नाव तैराने चला गया।

Answered by SINGHisKING11
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कहा जाता है कि वसंत ऋतुओं का राजा है और वर्षा ऋतुओं की रानी है । जब मई-जून में सूर्य देवता के कोप से धरती जलने लगती है तब कहीं इन्द्र देवता प्यासी धरती की प्यास बुझाने के लिए तैयार होते हैं ।

जल ही जीवन है । यदि वर्षा न हो तो संसार का अस्तित्व ही समाप्त हो जाए । भारतवर्ष एक कृषि प्रधान देश है । यहाँ तो बरसात का विशेष महत्त्व है । नदी, नहरों, तालाबों और नलकूपों के होते हुए भी वर्षा की सदा आवश्यकता रहती है । इसलिए ज्येष्ठ मास में अमावस्या को विधिवत वर्षा का पूजन किया जाता है, जिससे समय पर बारिश हो और एक नया जीवन मिले ।

जुलाई के दिन थे । विद्यालय खुल चुके थे । कई दिन से लगातार भयंकर गर्मी पड़ रही थी । सड़कें, घर, मकान, चारों ओर मानों आग बरस रही थी । विद्यालय में तो बहुत बुरा हाल था । टीन की चादरें भयंकर रूप से तप रही थीं । पंखों की हवा भी आग फेंक रही थी । लगभग तीन बजे का समय था ।

अचानक आँधी-सी आई । खिड़कियाँ चरमराने लगी । चारों ओर अंधेरा छा गया । कमरे में बिजली नहीं थी । ऐसा लगा जैसे रात हो गई थी । मास्टर जी ने मजबूर होकर पढ़ाना बन्द कर दिया । बच्चों ने किताबें संभाल ली । अचानक गड़गड़ाहट प्रारम्भ हो गई और बारिश होने लगी । टीन की छत पर पड़ती हुई बूंदे शोर करने लगी । थोड़ी ही देर में टूटी खिड़कियों से पानी की बौछार अन्दर आने लगी, बच्चों ने अपनी पुस्तकें संभाली । देखते ही देखते बादल और गहरा होता गया ।


SINGHisKING11: i hope this may help you
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