वसंत भाग-2
कालिदास के विरही यक्ष ने अपने मेघदूत से कहा था-वेत्रवती (वेता।
को प्रेम का प्रतिदान देते जाना, तुम्हारी वह प्रेयसी तुम्हें पाकर अवश्य ही
होगी। यह बात इन चंचल नदियों को देखकर मुझे अचानक याद आ गई और है
कि शायद उस महाकवि को भी नदियों का सचेतन रूपक पसंद था। दरअसल
भी कोई नदियों को पहाड़ी घाटियों और समतल आँगनों के मैदानों में जुदा-
शक्लों में देखेगा, वह इसी नतीजे पर पहुँचेगा।
काका कालेलकर ने नदियों को लोकमाता कहा है। किंतु माता बनने से पहले
यदि हम इन्हें बेटियों के रूप में देख लें तो क्या हर्ज है? और थोड़ा
चलिए...इन्हीं में अगर हम प्रेयसी की भावना करें तो कैसे रहेगा? ममता का एक
भी धागा है, जिसे हम इनके साथ जोड़ सकते हैं। बहन का स्थान कितने कवि
ने इन नदियों को दिया है। एक दिन मेरी भी ऐसी भावना हुई थी। थो लि
(तिब्बत) की बात है। मन उचट गया था, तबीयत ढीली थी। सतलज के किन
जाकर बैठ गया। दोपहर का समय था। पैर लटका दिए पानी में। थोड़ी ही देर में
प्रगतिशील जल ने असर डाला। तन और मन ताज़ा हो गया तो लगा मैं गुनगुनान
। नदियों को माँ मानने की
नागार्जुन उन्हें और किन रु
2. सिंधु और बहापुर की क्या
3. काका कालेलकर ने नदियो
4. हिमालय की यात्रा में लेस
लेख से आगे
1. नदियों और हिमालय पर अनेक कवियों ने कविताएँ लिखी
का चयन कर उनकी तुलना पाठ में निहित नदियों के
2. गोपालसिंह नेपाली की कविता 'हिमालय और हम', गमधाम
कविता 'हिमालय' तथा जयशंकर प्रसाद की कविता 'हि
पढ़िए और तुलना कीजिए।
Answers
Answered by
0
Answer:
jukgfukhddfnnkkkobbjk
Answered by
0
Sorry but I know only the first 4 question answers
This is the first one
This is the second one
Please mark my answer as brainliest
This is the first one
This is the second one
Please mark my answer as brainliest
Attachments:
Similar questions
Social Sciences,
3 months ago
Math,
3 months ago
Social Sciences,
3 months ago
Geography,
7 months ago
Social Sciences,
7 months ago
Art,
10 months ago
Biology,
10 months ago
Science,
10 months ago