वस्तु की माँग मात्रा में वृद्धि होने पर तथा उसी वस्तु की पूर्ति मात्रा में कमी होने पर सन्तुलन कीमत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
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एक निश्चित मूल्य पर समय की निश्चित इकाई के भीतर क्रय की जानेवाली वस्तु का परिमाण ही माँग (Demand) है। माँग एक आर्थिक शब्द है जो ऐसे उत्पादों या सेवाओं की संख्या को संदर्भित करता है जो उपभोक्ता किसी भी मूल्य स्तर पर खरीदना चाहते हैं। माँग, मूल्य और वस्तु की मात्रा का वह संबंध व्यक्त करती है, जो उस भाव पर समय की निश्चित इकाई में क्रय की जाए। इसलिये माँग मूल्याश्रित है; साथ ही वह किसी विशेष समय की होती है। इसी मूल्याश्रय के कारण माँग एवं आवश्यकता एक ही तत्व नहीं है, भले ही माँग का मूलाधार आवश्यकता हो।
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